Business

भारत इस समय उच्च विकास दर के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था के सबसे बेहतरीन देशों में से एक है : आईएमएफ

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) प्रमुख डेनियल लेघ ने भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास जताते हुए कहा कि यह एक बहुत मजबूत अर्थव्यवस्था है. उन्होंने कहा कि भारत इस समय उच्च विकास दर के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था के सबसे बेहतरीन देशों में से एक है. उन्होंने कहा, ‘हां… हमारे पास भारत के लिए भी विकास दर है, जो 2022 में 6.8 रही. हाल-फिलहाल यह न भूलें कि भारत अभी वैश्विक अर्थव्यवस्था के उज्ज्वल स्थानों में से एक है. इसकी उच्च विकास दर जनवरी की तुलना में महज -2 अंक कम हुई है. यह भी अपने हिसाब से ऐतिहासिक संशोधनों में से एक है.’ आईएमएफ ने एक महत्वपूर्ण गिरावट के साथ वैश्विक आर्थिक विकास को 2023-24 के लिए अपने विकास अनुमान को 6.1 प्रतिशत से घटाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया है. इसके बावजूद भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है.

उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि 2020-2021 वास्तव में हमारे विचार से बहुत बेहतर रहा है. फिर भी हमारे पूर्वानुमान में उपभोक्ताओं की ओर से मांग में कमी होने जा रही है, क्योंकि उन्हें अभी भी आर्थिक स्तर पर काफी कुछ सहना पड़ रहा है. इसी वजह से इस साल के संशोधन में कछ कमी लानी पड़ी है. इसके साथ ही हम फिर अगले वर्ष के लिए 6.3 विकास दर पर जाते हैं. इसमें भी भारत एक बहुत मजबूत अर्थव्यवस्था है, जो उच्च जीवन स्तर और नौकरियों के अवसर बढ़ाने के लिए आवश्यक है.’ आईएमएफ ने भारत की मुद्रास्फीति में चालू वर्ष में 4.9 प्रतिशत तक और अगले वित्त वर्ष में 4.4 प्रतिशत तक कम होने का अनुमान लगाया है.

हालांकि आईएमएफ की वृद्धि का अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमान से कम है. गौरतलब है कि आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 7 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि और 1 अप्रैल से शुरू हुए चालू वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत की भविष्यवाणी की है. इस बीच अंतरराष्ट्रीय ऋणदाता संस्था ने बढ़ती ब्याज दरों से महंगाई, ऋण और वित्तीय क्षेत्र के जोखिमों के बारे में चिंता भी व्यक्त की है. आईएमएफ ने चेतावनी दी है कि यदि बैंक ऋण देने में और कटौती करते हैं, तो 2023 में वैश्विक उत्पादन में 0.3 प्रतिशत की और कमी आएगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य और ऊर्जा की कीमतों में कमी और बेहतर आपूर्ति-श्रृंखला के प्रोत्साहन के बावजूद वित्तीय क्षेत्र में हालिया उथल-पुथल से अनिश्चितता और जोखिम बढ़ा है.

=>
=>
loading...
BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH