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आनंद मोहन की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट का बिहार सरकार को नोटिस

नई दिल्ली/पटना। बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार को नीतीश सरकार को नोटिस जारी किया है। बता दें कि आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में दोषी आनंद मोहन को जेल के नियमों में संशोधन कर 27 अप्रैल को रिहा कर गया दिया था। बिहार सरकार के इस फैसले को कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

याचिका सुप्रीम कोर्ट में स्वीकार होने पर उमा देवी ने कहा, ये अच्‍छा संकेत है। मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा है। सुप्रीम कोर्ट हमारे साथ जरूर न्याय करेगा। सर्वोच्‍च न्‍यायालय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनके फैसले को वापस लेने का आदेश देगा। याचिका में आनंद मोहन को फिर से जेल भेजने की मांग की गई है। इस पर आज सुनवाई है। बता दें कि जब आनंद मोहन की रिहाई हुई थी, तब उमा कृष्णैया ने कहा था कि ये वोटबैंक की राजनीति है। बिहार सरकार ने राजपूत वोटों के लिए आनंद मोहन की रिहाई की है।

नियमों में संशोधन कर दी गई रिहाई

गौरतलब है कि पूर्व सांसद आनंद मोहन को 5 दिसंबर 1994 को डीएम कृष्णैया की पीट-पीट कर हुई हत्या का आरोपी बनाया गया। लंबे समय तक मुकदमा चलने के बाद साल 2007 में आनंद मोहन को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। तब से वे बिहार की सहरसा जेल में सजा काट रहे थे। हाल ही में नीतीश सरकार ने जेल के नियमों में संशोधन कर 27 कैदियों को रिहा किया, जिनमें आनंद मोहन भी शामिल थे। आनंद मोहन की रिहाई पर खूब सियासी बवाल मचा, लेकिन उनकी ओर से कोई टिप्‍पणी नहीं आई।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH