जस्टिस मुजफ्फर हुसैन ने हिरासत को गैरकानूनी करार दिया
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने कट्टरपंथी और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता मसरत आलम भट्ट की रिहाई के आदेश दिए हैं। वे पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत साल 2015 के अप्रैल से ही प्रिवेंटिव कस्टडी में थे।
भट्ट की हिरासत के खिलाफ चुनौती देनेवाली याचिका की इजाजत देते हुए जस्टिस मुजफ्फर हुसैन ने हिरासत को कई आधार पर गैरकानूनी करार दिया।
गौरतलब है कि मसरत आलम भट्ट को अप्रैल 2015 से अब तक कई बार पीएसए के तहत बुक किया जा चुका है और भट्ट के खिलाप ताजा आदेश बारामुला के जिला मजिस्ट्रेट की तरफ से दिया गया था।
डीएम के आदेश के अनुसार, राज्य सरकार की हिरासत में रहते हुए सफलतापूर्वक प्रदर्शन को अंजाम के भट्ट को अभियुक्त बनाया गया था। यह आदेश बारामुला डिस्ट्रिक्ट जेल में इस साल 11 अगस्त को मसरत आलम भट्ट की चार लोगों के साथ हुई बैठक के बाद दिया गया था।