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सपा : टिकट बंटवारे पर घमासान, सीएम ने बुलाई समर्थकों की बैठक

समाजवादी पार्टी, अखिलेश यादव, रामगोपाल यादव, मुलायम सिंह यादव, घोषित प्रत्याशियों की बैठकmulayam akhilesh

mulayam and akhilesh

लखनऊ। उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले ही सपा और मुलायम सिंह के कुनबे में टिकट बंटवारे को लेकर फिर से लड़ाई छिड़ गई है। मुलायम सिंह ने बुधवार को विधानसभा चुनाव के लिए सपा के 325 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की तो सीएम अखिलेश के समर्थकों का पत्ता साफ कर दिया। चाचा शिवपाल की पसंद को लिस्ट में देखकर सपा में फिर अंदरखाने लड़ाई शुरू हो गई है। अखिलेश ने आज अपने समर्थक विधायकों की बैठक बुलाई है।
सीएम अखिलेश की बैठक में जुटेंगे समर्थक विधायक
मुख्यमंत्री अखिलेश की इस बैठक में उन विधायकों और मत्रियों के आने की संभावना है जिनके टिकट काट दिए गए हैं। सीएम अखिलेश ने बुधवार शाम भी तीन मंत्रियों और दर्जनों विधायकों के साथ लंबी मीटिंग की थी। वहीं बैठक के बाद एक विधायक ने कहा कि हम नेताजी मुलायम सिंह यादव के निर्देशों का पालन करेंगे।
सीएम जल्द उठा सकते हैं बड़ा कदम
सूत्रों की माने तो अखिलेश यादव जल्द ही अयोध्या में मंत्री पवन पाण्डेय, बलिया में रामगोविंद और बाराबंकी अरविंद सिंह गोप के समर्थन में बड़ी रैली कर सकते हैं। यही नहीं अगर बात नहीं बनी और अखिलेश यादव के करीबियों को टिकट नहीं दिया जाता तो सीएम अपने चहेतों को निर्दलीय ताल ठोकने की हरी झंडी दे सकते हैं और वो इन सीटों पर वह उनके समर्थन में रैली भी करने का फैसला ले सकते हैं।
जारी लिस्ट में मुख्यमंत्री के करीबियों का पत्ता साफ
सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव द्वारा जारी लिस्ट में अखिलेश के कई समर्थकों के नाम नहीं हैं। इनमें- पवन पांडे, अरविंद गोप, अरुण वर्मा जैसे विधायक हैं जो अखिलेश के काफी करीबी माने जाते हैं। दूसरी ओर से इस लिस्ट में चाचा (शिवपाल यादव) के समर्थकों की प्रभुत्व साफ तौर पर दिख रहा है। शिवपाल के खेमे के ओम प्रकाश सिंह, साहेबी फातिमा यहां तक कि बाहुबली अतीक अहमद का नाम शामिल है।
अखिलेश यादव का कहना है पार्टी अध्यक्ष करें फिर से विचार
दूसरी ओर टिकट बंटवारे से नाराज अखिलेश यादव ने पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह से फिर से लिस्ट पर विचार करने की अपील की है। अखिलेश यादव ने टिटक बंटवारे पर कहा- मेरी जानकारी में नहीं है कि लिस्ट में क्या है। मैं समझता था कि जो जीत सकते हैं। मैंने भी एक सूची राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को दी थी। जिसमें जानकारी के बाद ये जीत सकते हैं और उन नामों पर चर्चा हो उन नामों को मैने राष्ट्रीय अध्यक्ष को दिये थे। अभी नई सूची आई है कुछ ऐसे नाम हैं जिन लोगों की टिकट कटी है। मैं फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष से कहूंगा कि ऐसे लोग जिन्होंने काम अच्छा किया है जो अपने क्षेत्र में जीत सकते हैं उन पर विचार जरूर किया जाए।
चाचा शिवपाल के चहेतों को टिकट
जारी लिस्ट में चाचा शिवपाल के चहेतों की भरमार देखने के बाद अखिलेश की ओर से प्रतिक्रिया भी सामने आई है। अखिलेश ने चाचा शिवपाल के दो करीबियों संदीप शुक्ला और सुरभि शुक्ला से राज्यमंत्री का दर्जा छीन लिया। संदीप शुक्ला सरकार में बतौर सलाहकार काम कर रहे थे जबकि उनकी पत्नी सुरभि आवास विकास परिषद की उपाध्यक्ष थीं।
बाकी 78 नामों की घोषणा जल्द की जाएगी
मुलायम सिंह ने इससे पहले कहा कि 176 मौजूदा विधायकों को टिकट दिया गया है। बाकी 78 नामों की घोषणा जल्द की जाएगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि यूपी जीतने वाला दिल्ली जीतता है। पार्टी प्रमुख ने कहा कि सभी उम्मीदवारों को सोच-समझकर चुना गया है। बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश वर्मा को बाराबंकी से टिकट मिला है। वहीं लखनऊ कैंट से मुलायम की बहू अपर्णा यादव लड़ेंगी चुनाव।
अतीक अहमद, मुख्तार के भाई को भी मिला टिकट
मुख्यमंत्री को सीधे चुनौती देने वाले अतीक अहमद को भी टिकट मिल गया और मुख्तार अंसारी के भाई को भी। जिन मंत्रियों को सीएम अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव कैंप का मानकर मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया था वो सभी लोग टिकट पाने में कामयाब रहे। ओम प्रकाश सिंह, नारद राय, अंबिका चौधरी, शादाब फातिमा, शिव कुमार बेरिया, राजकिशोर सिंह, अरिदमन सिंह, राजकिशोर सिंह और योगेश प्रताप सिंह इन सभी पूर्व मंत्रियों को टिकट मिल गया है।
विधायक रामपाल यादव को भी मिला टिकट
सीतापुर के विधायक रामपाल यादव को गुंडागर्दी के आरोप में अखिलेश यादव ने पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष रहते पार्टी से ही निकाल दिया था। दो दिन पहले ही उन्हें पार्टी में वापिस लाकर शिवपाल यादव ने टिकट दे दिया है। टिकट के बंटवारे में अपने लोगों की अनदेखी होने पर अखिलेश यादव ने कहा कि जिन लोगों को उनके कहने पर टिकट नहीं मिला है उनके बारे में वो मुलायम सिंह यादव को पुनर्विचार करने को कहेंगे।
टिकट बंटवारे को लेकर चाचा भतीजा आमने सामने?
ऐसा प्रतीत हो रहा है कि शायद टिकट बंटवारे को लेकर एक बार फिर चाचा भतीजे की लड़ाई सामने आ गयी है। देखना है कि अब अखिलेश अपने लोगों को क्या इशारा करते हैं।
अखिलेश यादव कहीं से भी चुनाव लड़ सकते हैं
सीएम अखिलेश यादव ने खुद सार्वजनिक मंच से कहा था कि वह बुंदेलखंड की किसी सीट से चुनाव लडऩा चाहेंगे। लेकिन जिन सीटों की घोषणा हुई उसमें अखिलेश यादव का नाम नहीं है। अखिलेश यादव के चुनाव लडऩे के बारे में पूछे जाने पर मुलायम सिंह यादव ने सिर्फ इतना ही कहा कि वह जहां से चाहे चुनाव लड़ सकते हैं।

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Dileep Kumar
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