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SC के आदेश को संदर्भित करता है यह अध्यादेश : दिल्ली सर्विस बिल अमित शाह ने दिया करारा जवाब  

नई दिल्‍ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज गुरुवार को लोकसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 (GNCT of Delhi (Amendment) Bill, 2023) को विचार और पारित करने के लिए पटल पर रखा। सुप्रीम कोर्ट का पूरा फैसला पढ़कर शाह ने संसद में केजरीवाल सरकार को अध्यादेश पर जवाब दिया।

उन्‍होंने कहा कि कुछ सदस्यों ने हाथ में सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट लेकर यह भी कहा कि सर्वोच्च अदालत का उल्लंघन कर इसे लाया गया है। वह बोले, सदस्‍यों ने सर्वोच्‍च अदालत के आदेश का मनपसंद हिस्‍सा पढ़ा। अगर पूरा पढ़ते तो तस्‍वीर साफ हो जाती।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बारीकियों को पढ़कर सदन के सामने रखते हुए अमित शाह बोले- जब सदन में सर्वोच्च अदालत को कोट करते हैं, तो संपूर्ण आदेश का अध्ययन होना जरूरी है। उसका दूसरा हिस्सा भी पारदर्शिता के साथ सदन में रखना चाहिए।

अमित शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में पैरा 86, पैरा 95 और विशेषकर पैरा 164 ऐक्ट की ओर वह ध्यान दिलाना चाहते हैं। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि संसद को 239 एए के तहत दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के किसी भी विषय पर कानून बनाने का अधिकार है। यह अदालत ने अपने जजमेंट के अंदर बिल्कुल क्लियर कर दिया है।

गृहमंत्री बोले कि यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के आदेश को संदर्भित करता है जो कहता है कि संसद को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से संबंधित किसी भी मुद्दे पर कानून बनाने का अधिकार है। मेरा सभी पक्षों से निवेदन है कि चुनाव जीतने के लिए किसी पक्ष का समर्थन या विरोध करना, ऐसी राजनीति नहीं करनी चाहिए। नया गठबंधन बनाने के अनेक प्रकार होते हैं। विधेयक और कानून देश की भलाई के लिए है। इसलिए इसका विरोध और समर्थन दिल्ली की भलाई के लिए करना चाहिए।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH