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दिव्यांगजनों को जब भी अवसर मिला उन्होंने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है: सीएम योगी

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दिव्यांगजनों को जब भी अवसर मिला उन्होंने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। ऋषि अष्टावक्र, मध्यकालीन संत सुकरात, वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग और जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य इसके उदाहरण हैं। चीन में संपन्न हुए पैरा एशियाई खेलों को ही देखें तो हमारे पैरा खिलाड़ियों ने 111 मेडल जीते हैं। उन्होंने कहा कि सामान्य नागरिक तुलना में दिव्यांगजनों का प्रदर्शन हमेशा बेहतरीन रहता है। सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनियाभर के दिव्यांगजनों को सम्मान देने के लिए उन्हें विकलांग की जगह एक नया शब्द दिव्यांग दिया।

सीएम योगी ने रविवार को डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के अटल ऑडिटोरियम आयोजित विश्व दिव्यांग दिवस के कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2016 में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम देश में लागू किया था। उसी कड़ी में राज्य सरकार के द्वारा भी इस अधिनियम को पूर्ण रूप से अंगीकार किया गया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने दिव्यांगजन कल्याण से जुड़ी हुई योजनाओं की धनराशि में वृद्धि की है। पहले दिव्यांगजनों को 300 रुपए प्रतिमाह पेंशन की सुविधा मिलती है। वर्तमान में इसे बढ़ाकर हमने 1000 रुपए मासिक कर दिया है। आज प्रदेश के लगभग 10 लाख दिव्यांगजन इस सुविधा का लाभ प्राप्त कर रहे हैं।

सीएम योगी ने कहा कि 2016-17 के बजट में प्रदेश के दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए मात्र 312 करोड़ रुपए का प्रावधान था। वर्तमान में हमारी सरकार ने इसे बढ़ाकर 1120 करोड़ रुपए कर दिया है। कुष्ठ रोग से जो ग्रसित दिव्यांगजनों को पहले ढाई हजार रुपए की पेंशन मिलती थी। इसे बढ़ाकर हमने तीन हजार रुपए कर दिया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 में प्रदेश के अंदर कुल 305000 दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग उपकरण वितरण की कार्रवाई को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया गया है। साथ ही प्रदेश की सभी 80 लोकसभा क्षेत्रों में 8000 मोटराइज्ड ट्राई साइकिल का वितरण किया गया है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों की यात्रा के लिए राज्य सरकार प्रतिवर्ष 40 करोड रुपए परिवहन विभाग को दे रही है। साथ ही 4342 दिव्यांगजनों को शादी प्रोत्साहन की राशि उपलब्ध करवाई गई है।

सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के अंदर दिव्यांगजनों की चिकित्सा अनुदान राशि को अब 10000 रुपए कर दिया गया है। हमारी सरकार कोक्लियर इंप्लांट सर्जरी के तहत 6 लाख रुपए तक की धनराशि उपलब्ध करवा रही है। 2023-24 के बजट में इसके लिए 60 करोड़ 48 लाख रुपए आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मानसिक दिव्यांगजन के लिए पूरे प्रदेश में पहले मेरठ, बरेली और गोरखपुर को मिलाकर कुल तीन राजकीय आश्रय गृह थे। वर्तमान में हमारी सरकार ने 6 नवीन केंद्रों की स्थापना की कार्रवाई को आगे बढ़ाया है। सीएम योगी ने कहा कि दिव्यांगजनों को उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा में अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिए डॉक्टर शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के संचालन के साथ ही साथ प्रभु श्री राम की पावन तपो भूमि चित्रकूट में भी जगतगुरु दिव्यांग विश्वविद्यालय को राज्य विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता दी जा चुकी है। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां दिव्यांगजनों के लिए दो विश्वविद्यालय संचालित हैं।

राज्य स्तरीय पुरस्कार का किया वितरण

कार्यक्रम में सीएम योगी ने सामाजिक संस्थाओं एवं विशेष विद्यालयों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। साथ ही उन्होंने दिव्यांगजन सशक्तीकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों/संस्थाओं, नियोक्ताओं, सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग कर्मचारियों को राज्य स्तरीय पुरस्कार से पुरस्कृत किया। इसके अलावा सीएम योगी ने कार्यक्रम में दिव्यांगजन को कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण भी वितरित किए। साथ ही उन्होंने विशेष विद्यालयों के मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया।

कार्यक्रम में पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण के राज्य मंत्री, स्वतंत्र प्रभार नरेन्द्र कश्यप, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव दिव्यांगजन सशक्तीकरण सुभाष चंद्र शर्मा, डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आर केपी सिंह, अध्यापक, छात्र-छात्राएं और अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH