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कड़ाके की ठंड कांपा समूचा उत्तर भारत, सभी यातायात प्रभावित; 22 ट्रेन और 134 उड़ानों पर असर

नई दिल्ली। पहाड़ों से आ रही सर्द हवाओं के चलते मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ा दी है। गुरुवार सुबह को दिल्ली एनसीआर में कोहरा छाया रहा, लेकिन उतना नहीं जितना कल था। बढ़ती ठंड और कोहरे के चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

सड़क यातायात के साथ ही रेलवे और हवाई सेवाएं प्रभावित हुईं हैं। कई ट्रेनें, उड़ानें देरी से चल रही हैं। वहीं, दिल्ली एनसीआर के कई इलाकों में विजिबिलिटी 0-50 मीटर तक है। 28 दिसंबर की सुबह 5:30 बजे सफदरजंग में 50 मीटर और पालम में 25 मीटर दृश्यता दर्ज की गई है।

घने कोहरे की वजह से उड़ानों पर भी असर पड़ रहा है। दिल्ली हवाईअड्डा एफआईडीएस के मुताबिक, दिल्ली हवाईअड्डे पर (घरेलू और अंतरराष्ट्रीय) आगमन और प्रस्थान करने वाली लगभग 134 उड़ानें प्रभावित हो रही हैं। वही भारतीय रेलवे के अनुसार, दिल्ली क्षेत्र में 22 ट्रेनें देरी से चल रही हैं।

इससे पहले, कोहरे के कारण मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक करीब 30 अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानें प्रभावित हुईं। इस दौरान पालम एयरपोर्ट पर 50 मीटर और सफदरजंग एयरपोर्ट पर 125 मीटर तक दृश्यता दर्ज की गई। स्थिति दोपहर 12 बजे के बाद सामान्य हुई। वहीं, सुबह ट्रेनों की आवाजाही बुरी तरह से प्रभावित हुई।

राजधानी व वंदे भारत जैसी ट्रेनें घंटों की देरी से या तो रवाना हुईं या देरी से दिल्ली पहुंचीं। 50 से अधिक ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ है। इससे लोगों का काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

घने कोहरे के कारण 11 विमानों को जयपुर और एक विमान को लखनऊ के लिए डायवर्ट किया गया। दृश्यता में सुधार के बाद दोपहर 12 बजे तक सभी विमानों को दिल्ली एयरपोर्ट पर वापस लैंड कराया गया।

बुधवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 7.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से एक डिग्री अधिक रहा। कुछ इलाकों में न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री रहा, जबकि अधिकतम तापमान 22 डिग्री दर्ज किया गया, यह सामान्य से दो डिग्री अधिक रहा। सुबह से ही घना कोहरा छाने से धूप खिली। कोहरे का असर सुबह 11 बजे तक रहा।

गाजियाबाद में बदला स्कूलों का समय

कोहरे के चलते गाजियाबाद में स्कूलों के समय में परिवर्तन किया गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गाजियाबाद ने कक्षा 1 से आठवीं तक के सभी स्कूल सुबह 10 बजे से 3 बजे तक संचालित करने का आदेश दिया है।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH