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देश को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के पीएम मोदी के संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने में जुटी है योगी सरकार

लखनऊ। देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को साकार करने को लेकर योगी सरकार मजबूत इच्छा शक्ति के साथ हरस्तर पर कार्य कर रही है। विभागों को आपसी समन्वय बनाकर टीबी की स्क्रीनिंग व जांच बढ़ाने, पूर्ण उपचार सुनिश्चित करने और सरकारी मदद पहुंचाने के सख्त निर्देश हैं। इसका असर सामुदायिक और प्रशासनिक स्तर पर भी साफ देखा जा सकता है। योगी सरकार के प्रयासों की सराहना अब विशेषज्ञ भी कर रहे हैं। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टीबी एंड रेस्परेटरी डिजीज और राष्ट्रीय टास्क फोर्स मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों ने इस बात पर योगी सरकार को बधाई दी है कि दो साल से उत्तर प्रदेश नियमित क्लीनिक का आयोजन करने वाला भारत का पहला राज्य बन चुका है।

बता दें कि जून 2021 से ड्रग रजिस्टेंस (डीआर) टीबी रोगियों के गुणवत्तापूर्ण इलाज, रोकथाम और बेहतर प्रबन्धन के उद्देश्य से सेंट्रल टीबी डिवीजन और नेशनल टास्क फ़ोर्स के तत्वावधान में देश में डिफिकल्ट टू ट्रीट टीबी क्लीनिक के आयोजन की पहल की गयी है। इसके माध्यम से उत्तर प्रदेश के सभी जिला क्षय रोग अधिकारी और अन्य विभागीय कर्मचारी ऑनलाइन माध्यम से सीधे विशेषज्ञों से जुड़कर अपनी समस्या बताते हैं और उसका समाधान पाते हैं। उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जो दो साल से नियमित तौर पर इस क्लीनिक का आयोजन कर रहा है।

राज्य क्षय रोग इकाई के तत्वावधान में बीते मंगलवार को ही 50वीं ऑनलाइन क्लीनिक के दौरान राष्ट्रीय टास्क फोर्स मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष डॉ अशोक भारद्वाज और टास्क फोर्स के उपाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद के अलावा नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टीबी एंड रेस्परेटरी डिजीज, नई दिल्ली के कंसल्टेंट टीबी. रूपक सिंगला ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जहां दो साल से लगातार क्लीनिक का आयोजन किया जा रहा है। ऑनलाइन क्लीनिक के दौरान डीआर टीबी सेंटर से जुड़े कर्मचारियों ने विशेषज्ञों से इलाज में आने वाली दिक्कतों के बारे में बताया, जिसके प्रबन्धन के गुर विशेषज्ञों ने बहुत ही सरल और सहज ढंग से बताये। इसके अलावा आने वाले समय में इलाज को और बेहतर बनाने के लिए चल रहे शोध और आने वाली नई दवाओं के बारे में भी अवगत कराया। इसके माध्यम से केस प्रेजेंटेशन किया गया, फिर विशेषज्ञों ने राय देते हुए बताया कि केस कैसे मैनेज करना चाहिए।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH