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इसरो ने रच दिया इतिहास, सूर्य के हेलो ऑर्बिट में पहुंचा Aditya L-1

नई दिल्ली। इसरो ने इतिहास रच दिया है। भारत का सूर्य मिशन Aditya L-1 सफलतापूर्वक सूर्य के हेलो ऑर्बिट में पहुंच गया। शनिवार को दोपहर करीब 4 बजे इसरो (ISRO) ने स्पेसक्राफ्ट को फाइनल फायर दी जिसके बाद उसकी गति को नियंत्रित करते हुए इसे सूर्य के हेलो ऑर्बिट में पहुंचाया गया। सितंबर 2023 में आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया आदित्य एल1 आज अपनी आखिरी और बेहद जटिल प्रक्रिया से होकर गुजरा।

अब यह स्पेसक्राफ्ट अगले पांच साल तक सूर्य की किरणों का अध्ययन करेगा। यह सूर्य इतना जलता क्यों हैं और उसकी किरणों का तापमान कितना होता है जैसे सवालों का जवाब ढूंढेगा। अभी तक धरती पर लगे टेलिस्कोप के जरिए ही सूर्य का अध्ययन किया जाता रहा है। यह भारत की एक बहुत बड़ी सफलता है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “भारत ने एक और माइलस्टोन हासिल किया है। भारत की पहली सोलर ओबजर्वेटरी आदित्य-एल 1 अपनी मंजिल तक पहुंच गई। यह सबसे जटिल अंतरिक्ष मिशनों में से एक को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। मैं देशवासियों के साथ इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करता हूं। हम मानवता के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाते रहेंगे।

वहीं, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत के लिए यह साल काफी शानदार रहा है। पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में इसरो ने एक और सफलता की कहानी लिखी है। आदित्य एल1 सूर्य से जुड़ो रहस्यों की खोज के लिए अपनी अंतिम कक्षा में पहुंच गया है। स्पेस क्राफ्ट पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी सिस्टम के लैग्रेंज प्वाइंट (एल 1) के आसपास एक हेलो कक्षा में पहुंच चुका है। एल1 प्वाइंट पृथ्वी और सूर्य के बीच की कुल दूरी का लगभग एक प्रतिशत है। अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंचने के बाद अंतरिक्ष यान बिना किसी ग्रहण के सूर्य को देख सकेगा।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH