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अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी बसपा, मायावती बोलीं- पार्टी पूर्व की तरह फ्री में बाहर से समर्थन नहीं देने वाली

लखनऊ। बसपा सुप्रीम मायावती ने लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का एलान किया है। मायावती ने कहा है कि 2024 में बसपा किसी से गठबंधन नहीं करेगी। बसपा सुप्रीमो ने साफ कहा कि ऐसे में पार्टी पूर्व की तरह फ्री में बाहर से समर्थन नहीं देने वाली है। इसके साथ ही उन्होंने साफ किया उनका राजनीति से संन्यास लेने का फिलहाल कोई इरादा नहीं है।

मायावती ने कहा कि गठबंधन करने से हमारा वोट प्रतिशत भी घट जाता है और अन्य दल को फायदा होता है। इसलिए, अधिकांश पार्टी बसपा से गठबंधन कर चुनाव लड़ना चाहती हैं। हमारी पार्टी अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़कर बेहतर नतीजे लाएगी। हम इसलिए चुनाव अकले लड़ते हैं क्योंकि इसका सर्वोच्च नेतृत्व एक दलित के हाथ में है। गठबंधन कर बसपा का पूरा वोट गठबंधन की पार्टी को चला जाता है, जबकि उस गठबंधन का वोट, विशेषकर अपर कास्ट वोट बसपा को नहीं मिलता। गठबंधन से बसपा को फायदा कम, नुकसान ज्यादा होता है।

उन्होंने कहा कि सवर्ण वोट बसपा पर ट्रांसफर नहीं होते। इसलिए बसपा किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। सांप्रदायिक सोच वाली पार्टी से दूरी रखेंगे। अधिकांश दलों की मानसिकता जातिवादी है। उन्होंने कहा कि हर चुनाव में ईवीएम में धांधली हो रही है। ईवीएम के विरोध में बहुत आवाज उठी। देश में निष्पक्ष चुनाव होना चाहिए। मायावती ने भाजपा सरकार पर हमला बोला और कहा कि लोगों को फ्री राशन का झांसा दिया गया। राशन देकर गुलाम बनाया जा रहा है।

मायावती ने कहा कि यूपी में हमारी योजनाओं की नकल की जा रही है। धर्म की आड़ में राजनीति की जा रही है। हमने उत्तर प्रदेश में अपनी चार बार की सरकार में सभी वर्गों के लिए काम किया। अल्पसंख्यक, मुस्लिम, गरीब, किसान और मेहनतकश लोगों के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई थीं। इन योजनाओं को सरकारें नाम और स्वरूप बदल कर अपना बनाने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन जातिवादी होने की वजह से यह काम नहीं हो पा रहा है।

मायावती ने हमला करते हुए कहा कि लोगों को रोजगार देने के बजाय फ्री में थोड़ा सा राशन देकर अपना मोहताज बनाया जा रहा है, जबकि हमने अपनी सरकार के दौरान वर्तमान सरकारों के जैसे लोगों को अपना मोहताज नहीं, बनाया बल्कि सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्रों में रोजगार के साधन उपलब्ध कराए। मायावती ने आगे कहा कि हमने अपनी सरकार में लोगों को सम्मान और स्वाभिमान ऊंचा करने का अवसर भी दिया, लेकिन वर्तमान में यह होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। केंद्र और राज्य सरकार धर्म और संस्कृति की आड़ में राजनीति कर रही है। इससे लोकतंत्र कमजोर हो रहा है।

मायावती ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अखिलेश ने गिरगिट की तरह बयान बदला। साथ ही संन्यास की बात को बेबुनियाद भी बताया। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज के लोगों और अल्पसंख्यंको से कहना चाहूंगी कि आपने रोजगार और मान सम्मान के लिए, आगे आने वाली पीढ़ी के लिए, संतो गुरुओं और महापुरुषों अंबेडकर के रास्ते पर चलकर बसपा को मजबूत बनाना है। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के न्योते पर मायावती ने कहा, ‘मुझे निमंत्रण मिला है, इसका मैंने वहां जाने का फैसला नही किया है क्योंकि पार्टी के काम में व्यस्त हूं। लेकिन जो भी कार्यक्रम होने जा रह है, हमे एतराज नहीं है, स्वागत करते हैं। आगे चलकर बाबरी को लेकर कुछ होगा तो उसका भी स्वागत करेंगे।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH