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राहुल गांधी ने बताया कारण, आखिर क्यों ठुकराया राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का न्यौता

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। मणिपुर से चलकर ये यात्रा नागालैंड पहुंच गई है। नागालैंड में राहुल गांधी से मीडिया ने कई सवाल पूछे जिनका उन्होंने बड़ी बेबाकी से जवाब दिया। मीडिया ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से पूछा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 22 जनवरी को अयोध्या क्यों नहीं जा रहे हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि, ‘RSS और बीजेपी ने 22 जनवरी के समारोह को पूरी तरह से राजनीतिक नरेंद्र मोदी समारोह बना दिया है। यह RSS और भाजपा का कार्यक्रम है और मुझे लगता है कि इसीलिए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वे इस समारोह में नहीं जाएंगे।’

उन्होंने आगे कहा कि, हम सभी धर्मों, सभी प्रथाओं में मानते हैं। यहां तक कि हिंदू धर्म के सबसे बड़े ऑथोरिटी ने भी 22 जनवरी के समारोह के बारे में अपनी राय सार्वजनिक कर दी है कि वे 22 जनवरी के समारोह के बारे में क्या सोचते हैं। वे सोचते हैं कि यह एक राजनीतिक समारोह है। हमारे लिए ऐसे राजनीतिक समारोह में जाना मुश्किल है जो भारत के प्रधानमंत्री और RSS के इर्द-गिर्द बनाया गया हो।’ राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘हम पिछले साल कन्याकुमारी से कश्मीर तक चले थे। काफी लोगों ने कहा कि वेस्ट से ईस्ट भी यात्रा होनी चाहिए। यह यात्रा एक न्याय यात्रा है। इसका लक्ष्य सामाजिक और आर्थिक न्याय का है।

उन्होंने आगे कहा कि, इस यात्रा के मणिपुर से शुरू करने के पीछे की सोच यह थी कि इस राज्य के साथ अन्याय हुआ है। हिंसा के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के लोग वहां नहीं आए। नागालैंड के लोगों से भी जो कमिटमेंट किया, उसे पूरा नहीं किया। यह एक हाइब्रिड यात्रा है। हम कोशिश करेंगे कि ज्यादा से ज्यादा लोगों से हम बात करें। भारत जोड़ो न्याय यात्रा विचारधारा की लड़ाई है। इस यात्रा का मकसद न्याय के सवाल को जनता के सामने रखने का है। जातिवार जनगणना समेत कई अन्य मुद्दे हैं।’

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH