नई दिल्ली। भारत की रक्षा क्षेत्र में पूरी तरह आत्मनिर्भर बनने की कोशिश में जल्द ही एक और उपलब्धि जुड़ने वाली है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) इस साल मार्च तक ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल का निर्यात शुरू कर देगा। डीआरडीओ प्रमुख समीर वी. कामत ने खुद इसकी पुष्टि की है।
उन्होंने कहा कि DRDO अगले 10 दिन में ही इन मिसाइलों के ग्राउंड सिस्टम्स का निर्यात शुरू करेगा। इतना ही नहीं डीआरडीओ ने जिन 307 ATAGS बंदूकों को विकसित किया है और जिनका निर्माण भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम जैसी निजी क्षेत्र की कंपनियां कर रही हैं, उनके लिए भी इस वित्तीय वर्ष के अंत तक विदेश से ऑर्डर आ सकते हैं।
‘कुछ और देशों ने भी दिखाई ब्रह्मोस के लिए रुचि’
DRDO चेयरमैन ने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल के लिए फिलीपींस के अलावा अन्य देशों ने भी रुचि दिखाई है। उन्होंने कहा कि निर्यात के लिए तैयार ATAGS के सारे ट्रायल पूरे हो चुके हैं। मेरा अनुमान है कि 31 मार्च से पहले ही इसके लिए ऑर्डर दिया जाएगा।
चेयरमैन ने बताया कि DRDO की तरफ से अब तक जिन हथियारों का उत्पादन हो रहा है, उन्हें जल्द ही सेना के तीनों अंगों में शामिल किया जाएगा। कामत ने बताया कि LCA Mk-1A, अर्जुन एमके-1ए, QRSAM के अलावा हमारी कुछ और मिसाइलें जल्द ही सेना का हिस्सा बनेंगी।