InternationalTop News

जॉर्डन में अमेरिकी बेस पर ड्रोन हमले में तीन सैनिकों की मौत, बाइडन बोले- अपने तरीके से देंगे जवाब

कोलंबिया (अमेरिका)। जॉर्डन में ईरान समर्थित आतंकियों के हमले में अमेरिकी सेना के तीन जवान मारे गए, जबकि कई घायल हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक बयान में कहा कि अमेरिका हमलावरों की जिम्मेदारी तय करेगा। अमेरिकी सेंट्रल कमान ने एक बयान जारी कर 25 जवानों के घायल होने की बात कही है। राष्ट्रपति बाइडन ने ईरान समर्थित लड़ाकों के हमले की बात कही, लेकिन इसके लिए किसी खास समूह का नाम नहीं लिया है। अमेरिकी अधिकारी यह पता लगाने में जुटे हैं कि हमले में किस समूह का हाथ है।

अमेरिकी सैनिकों पर हमले के लिए ईरान समर्थित समूहों को जिम्मेदार ठहराते हुए बाइडन ने कहा कि फिलहाल हम हमले की जानकारी जुटा रहे हैं। हमारा मानना है कि सीरिया और इराक में सक्रिय ईरान समर्थित आतंकवादी समूहों ने इस हमले को अंजाम दिया है।

व्हाइट हाउस से जारी बयान में बाइडन ने कहा कि अमेरिका आतंकवाद से लड़ने की अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाएगा। इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम हमले के लिए सभी जिम्मेदार लोगों को अपने तरीके से जवाबदेह ठहराएंगे।

अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि सीरिया की सीमा के पास उत्तर-पूर्वी जॉर्डन में स्थित अमेरिकी बेस में बैरक के पास मानवरहित ड्रोन के जरिये विस्फोट किया गया। उन्होंने कहा कि मरने वालों की संख्या अधिक हो सकती है। अधिकारियों ने कहा कि कम से कम 34 सैनिकों को चोटें आई हैं। कुछ घायल अमेरिकी सैनिकों को इलाज के लिए बाहर ले जाया गया है।

अमेरिकी बलों पर हमले बर्दाश्त नहीं: ऑस्टिन

रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने जॉर्डन में ड्रोन हमले में अमेरिकी सैनिकों की मौत पर गहरा दुख जताने के साथ गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन और वह अमेरिकी बलों पर हमले बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम अमेरिका, अपने सैनिकों और अपने हितों की रक्षा के लिए सख्त कार्रवाई करेंगे। ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिकी सेना पर हालिया हमलों के लिए ईरान समर्थित आतंकवादी समूह जिम्मेदार हैं। हम इन्हें माकूल जवाब देंगे।

जॉर्डन में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हमले की पहली घटना

गाजा में इस्राइल-हमास युद्ध के बीच जॉर्डन में किसी अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हमले की यह पहली घटना है, जिसके कारण पहले से ही युद्ध ग्रस्त इस क्षेत्र में तनाव और बढ़ने की आशंका है। जॉर्डन की सीमा इराक, इस्राइल, फलस्तीन, सऊदी अरब और सीरिया के साथ लगती है।

अमेरिकी सेना लंबे समय से जॉर्डन का इस्तेमाल बेस के रूप में कर रही है और रविवार को हमला उत्तरी जॉर्डन में सीरिया की सीमा के पास हुआ है। जॉर्डन में करीब तीन हजार अमेरिकी सैनिक हैं।

अमेरिकी सैनिकों पर हमला सीरिया की सीमा पर हुआ: जॉर्डन

जॉर्डन की ओर से तत्काल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं सामने आई है। हालांकि सरकारी टीवी चैनल ने सरकार के प्रवक्ता के हवाले से कहा कि अमेरिकी सैनिकों पर हमला जॉर्डन से बाहर सीरिया की सीमा पर हुआ है। गाजा में लड़ाई शुरू होने के बीच इराक और सीरिया में अमेरिकी सैनिकों पर ड्रोन और मिसाइल हमले लगातार हो रहे हैं। रविवार को हुए हमले की सूचना अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन को दक्षिण कैरोलिना के कोलंबिया में रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने दी।

हमास ने अमेरिका के लिए बताया संदेश

फलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास ने इस हमले को गाजा में इस्राइल के सैन्य अभियान के खिलाफ प्रतिक्रिया बताया है। हमास लीडर सामी अबू जुहरी ने कहा कि तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत अमेरिकी प्रशासन के लिए संदेश है कि जब तक गाजा में निर्दोषों की हत्या नहीं रुकती, उसे भी ऐसे हमलों का सामना करना पड़ेगा। जुहरी ने कहा कि गाजा के खिलाफ अमेरिकी-यहूदी आक्रामकता क्षेत्र की स्थिति बिगाड़ने के लिए जिम्मेदार है।

=>
=>
loading...
BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH