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उम्मीद है विश्व पटल पर बीसीसीआई की छवि और धूमिल नहीं होगी : शिर्के

सर्वोच्च न्यायालय, बीसीसीआई, अजय शिर्के, लोढ़ा समिति की अनुशंसाओंajay shirke bcci
सर्वोच्च न्यायालय, बीसीसीआई, अजय शिर्के, लोढ़ा समिति की अनुशंसाओं
ajay shirke bcci

नई दिल्ली| सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) के सचिव पद से हटा दिए गए अजय शिर्के ने सोमवार को कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि विश्व पटल पर बोर्ड की छवि और धूमिल नहीं होगी।

शीर्ष अदालत ने लोढ़ा समिति की अनुशंसाओं को लागू करने को लेकर सालभर से ज्यादा समय से चल रहे मामले में सोमवार को अपना अंतिम फैसला सुनाते हुए बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और शिर्के को बर्खास्त कर दिया।

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी. एस. ठाकुर, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ वाली तीन सदस्यीय पीठ ने सोमवार को अपने फैसले में कहा कि अंतरिम व्यवस्था के तहत वरिष्ठ उपाध्यक्ष अध्यक्ष बोर्ड का प्रबंधन संभालेंगे। वहीं संयुक्त सचिव को मुख्य सचिव का अंतरिम कार्यभार सौंपा गया है।

अदालत के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शिर्के ने कहा, “कोर्ट के फैसले को लेकर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उम्मीद है कि दुनिया के सबसे अमीर बोर्ड की छवि पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और विपरित असर नहीं पड़ेगा।”

ब्रिटेन के एक चैनल ने शिर्के के हवाले से कहा है, “मुझे इस पर कुछ नहीं कहना है। बीसीसीआई में मेरी जिम्मेदारी खत्म। अगर सर्वोच्च न्यायालय ने मुझसे पद छोड़ने को कहा है तो ठीक है। उम्मीद है कि बीसीसीआई का नया प्रबंधन अच्छे से काम करेगा।”

उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि आने वाले लोग बीसीसीआई के अच्छे काम को जारी रखेंगे। मुझे यह भी उम्मीद है कि भारतीय टीम सभी प्रारूपों में अपनी बादशाहत कायम रखेगी।”

उन्होंने कहा, “मेरा पद से कोई जुड़ाव नहीं है। अतीत में भी मैंने इस्तीफे दिए हैं। मेरे पास और भी काम हैं करने को। मैं बोर्ड में इसलिए वापस आया था क्योंकि जरूरत थी और निर्विरोध चुना गया। अब यह यहां तक आ गया है। मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है और मुझे कोई पछतावा नहीं है।”

सर्वोच्च न्यायालय 19 जनवरी को होने वाली सुनवाई में बीसीसीआई के अंतिरम अध्यक्ष की नियुक्त करेगा। अदालत ने यह भी कहा कि वह 19 जनवरी को प्रबंधक नियुक्त करने के लिए अलग से एक आदेश देगी।

पीठ ने यह भी कहा कि लोढ़ा समिति की अनुशंसाओं के खिलाफ अड़ियल रुख अपनाने वाले बीसीसीआई के अधिकारियों और बोर्ड से संबद्ध राज्य क्रिकेट संघों के अधिकारियों को अपना पद छोड़ना होगा।

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