NationalTop News

UPA के शासन में रुपया में भारी गिरावट, संकट में अर्थव्यवस्था: सरकार ने लोस में पेश किया श्वेत पत्र

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में ‘भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र’ पेश किया। वित्त मंत्री अपने अंतरिम बजट भाषण में घोषणा की थी कि सरकार 2014 तक यूपीए शासन के 10 वर्षों में आर्थिक कुप्रबंधन को रेखांकित करते हुए अर्थव्यवस्था पर एक श्वेत पत्र लाएगी।

लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश ‘भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र’ में कहा गया कि UPA सरकार को अधिक सुधारों के लिए तैयार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था विरासत में मिली, लेकिन अपने 10 वर्षों में इसे निष्क्रिय बना दिया गया। 2004 में जब UPA सरकार का कार्यकाल शुरू हुआ था, तो भारतीय अर्थव्यवस्था आठ प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रही थी।

श्वेत पत्र में कहा गया कि UPA के शासनकाल में निवेशक विदेश चले गए। साथ ही उस दौरान बैंकिंग सेक्टर घाटे में चल रहा था। राजकोषीय घाटे से अर्थव्यवस्था संकट में था। श्वेत पत्र में कहा गया कि UPA सरकार के शासन में आम जनता महंगाई से त्रस्त थी। UPA कार्यकाल ने अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया।

लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए श्वेत पत्र में कहा गया कि UPA सरकार का कार्यकाल एक खराब दशक साबित हुआ, क्योंकि वह मजबूत मूलभूत अर्थव्यवस्था और वाजपेयी सरकार द्वारा छोड़ी गई सुधारों की गति को भुनाने में विफल रही।

निर्मला सीतारमण ने कहा, NDA सरकार ने उन वर्षों के संकट को पार कर लिया है और अर्थव्यवस्था को सर्वांगीण विकास के साथ उच्च सतत विकास पथ पर मजबूती से रखा गया है। उन्होंने कहा कि अब यह देखना होगा है कि हम 2014 तक कहां थे और अब कहां हैं।

=>
=>
loading...
BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH