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2017-23 के बीच उत्तर प्रदेश में आया 2300 करोड़ रुपए का विदेशी निवेशः सीएम योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश को विकास के नए सोपानों की ओर अग्रसर कर रही योगी सरकार ने कैसे प्रदेश को एक बीमारू राज्य से देश के ग्रोथ इंजन के तर्ज पर विकसित करने की दिशा में कार्य किया है इसका खाका पेश किया। शनिवार को विधानसभा में बजट सत्र के दौरान चर्चा में नेता प्रतिपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कई विषयों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम सब इस बात को जानते हैं कि प्रदेश के अंदर अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास की जो ग्रोथ है वह दो बातों पर निर्भर करती है। स्टेबिलिटी व                      सस्टेनेबिलिटी दो ऐसे फैक्टर्स हैं जिन पर फोकस करके औद्योगिक विकास को गति दी जा रही है। प्रदेश में 46 वर्ष के बाद कानपुर व झांसी के बीच में बीडा (बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण) के गठन की कार्रवाई को आगे बढ़ाया है। यानी, 46 वर्ष के बाद प्रदेश में एक नया औद्योगिक शहर आएगा। इसके लिए हमने सभी औपचारिकताओं को पूरा करते हुए बजट में प्रावधान किया है। इसके साथ ही, उन्होंने इस बात पर भी फोकस किया कि एफडीआई और फॉर्च्यून-500 कंपनियों का निवेश प्रदेश में आकर्षित कराने के लिए की जा रही कोशिशों की भी जानकारी दी।

पहली बार सेमीकंडक्टर के महत्व को पहचानने का हुआ कार्य

सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में पहली बार सेमीकंडक्टर के महत्व को पहचानने का कार्य हुआ है। हम सब जानते हैं कि एक छोटी सी चिप हमारे इलेक्ट्रिक इक्विप्मेंट्स को संचालित करने में क्या रोल अदा करती है और इसी बात को ध्यान में रखकर हमने प्रदेश में बाकायदा सेमीकंडक्टर पॉलिसी को लागू करने का कार्य किया। इस विषय में हमारे पास कई प्रस्ताव आए हैं जिन पर विचार-विमर्श कर कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने की रूपरेखा तय हो रही है।

एफडीआई को लेकर हमने नई नीति की लागूः सीएम योगी

एफडीआई और फॉर्च्यून 500 कंपनियों से निवेश को आकृष्ट करने के लिए भी हमने प्रदेश में नई एफडीआई नीति लागू की है। किसी भी राज्य द्वारा देश में अब तक वैश्विक निवेश को आकर्षित करने के लिए अब तक इस प्रकार का प्रयास नहीं हुआ है। यह अपने आप में निवेश आकर्षित करने का पहला और अनूठा प्रयास है। इसके लिए भी हमने बजट में धनराशि की व्यवस्था की है। 1996 से 2017 तक प्रदेश में 22 वर्ष में केवल 200 करोड़ रुपए का निवेश एफडीआई के तौर पर प्रदेश में आया था जबकि 2017 से 23 के बीच में 2300 करोड़ रुपए का निवेश इस माध्यम से आया है। इस नई पॉलिसी से प्रदेश में निवेश के नए द्वार उत्पन्न होंगे जिससे नौकरी व रोजगार की नई संभावनाओं का उदय भी होगा।

गंगा एक्सप्रेसवे पर महाकुंभ के पहले यातायात संचालन पर फोकस

प्रदेश के अंदर बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए योगी सरकार में हुए कार्यों को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि पूर्वांचल व बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का विकास हमारे कार्यकाल में हुआ जिसे हम पहले ही पूरा कर चुके हैं। मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेसवे को भी पूरा करने पर हमारा फोकस है तथा हमें विश्वास है कि महाकुंभ 2025 के प्रारंभ से पहले इसे संचालित करने में सफल होंगे। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को आगरा-लखनऊ से जोड़ने तथा एक लिंग एक्सप्रेसवे के निर्माण की प्रक्रिया के लिए भी बजट में धनराशि का प्रावधान किया गया है।

                                                                                                                             

-अटल इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन: वर्तमान बजट की अपेक्षा इस वर्ष 33 फीसदी बढ़ोत्तरी के लिए बजट में प्रावधान किया गया है।

-एमएसएमईः 2017 के पहले उपेक्षित सेक्टर में 2016-17 तक 2028 करोड़ के ऋण का वितरण प्रदेश में होता था। वहीं, 2022-23 में 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपए का ऋण एमएसएमई यूनिट को उपलब्ध कराया गया। वर्ष 2024-25 के लिए इसे 2 लाख 91 हजार करोड़ रुपए करने का संकल्प रखा गया है।

-युवा उद्यमी विकासः यह नई स्कीम अप्रैल 2024 से प्रारंभ होगी। इससे नए उद्यमियों को प्रशिक्षित करने, उद्यम लगाने के लिए प्रोत्साहित करने तथा पहले चरण में 5 लाख तक के ब्याजमुक्त ऋण की कार्रवाई की जाएगी। भुगतान होने के बाद इस राशि को अगले चरणों में साढ़े सात लाख व 10 लाख तक करने की व्यवस्था की जाएगी। एक लाख युवा उद्यमी कार्यक्रम से जुड़ेंगे।

-उत्तर प्रदेश रोजगार प्रोत्साहन कोषः इसके माध्यम से प्रदेश के अंदर युवाओं के लिए ट्रेनिंग, इंटर्नशिप व अप्रेंटिसशिप का मार्ग प्रशस्त होगा। प्रदेश में युवाओं की ट्रेनिंग के लिए वित्त पोषण रोजगार को उपलब्ध कराने के लिए 10 प्राइवेट औद्योगिक पार्क का विकास हुआ है।

-वस्त्रोद्योगः 2024-25 में वस्त्रोद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक नई निफ्ट समेत आंगनबाड़ी के विकास का भी कार्य हुआ है।

-सीएम अप्रेंटिसशिप स्कीमः इसके लिए भी धनराशि की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस समेत मशीन लर्निंग के लिए आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर फैसिलिटी स्थापित करने का प्रावधान किया गया है।

-खेलः प्रदेश में खेल के स्तर को सुधारने के लिए कोई योजना नहीं थी, मगर उत्तर प्रदेश अब पहला राज्य है जो बाकायदा पॉलिसी लाकर 500 से ज्यादा खिलाड़ियों को रोजगार दे चुका है। हॉकी के प्रसिद्ध खिलाड़ी को डीएसपी बनाया व सम्मानित भी किया गया। अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय खिलाड़ियों को कोच के रूप में भी व्यवस्था की गई है। इंजरी को रोकने के लिए भी सेंटर की व्यवस्था की गई है।

-चिकित्सा क्षेत्र मेंः 70 वर्षों में केवल 12 मेडिकल कॉलेज थे मगर अब सभी 75 जिलों में एक-एक मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था की जा रही है। पहले 1977 से लेकर 2017-18 तक इनसेफ्लाइटिस से बच्चों की मौतें होती थी मगर हमने इस पर पूर्ण लगाम लगाई। राजकीय मेडिकल कॉलेजों में ट्रॉमा सेंटर की भी स्थापना की गई है।

 

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH