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दिल्ली प्रगति मैदान में विश्व पुस्तक मेला शुरू

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नई दिल्ली| मौसम में आए अचानक बदलाव से उन लोगों को झटका जरूर लगा होगा जिन्होंने सप्ताहांत के लिए योजनाएं बनाई थीं, लेकिन मौसम राष्ट्रीय राजधानी स्थित प्रगति मैदान में शनिवार को शुरू हुए विश्व पुस्तक मेला में आने वाले लोगों को नहीं रोक पाया।

नौ दिनों तक चलने वाले इस विश्व पुस्तक मेले का मानव संसाधान विकास राज्य मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने उद्घाटन किया, जिसके बाद दोपहर में इसे लोगों के लिए खोल दिया गया। उद्घाटन समारोह की मुख्य अतिथि मशहूर उड़िया लेखिका व ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता प्रतिभा राय थीं जबकि विशेष अतिथि डेलिगेशन ऑफ द यूरोपियन यूनियन टू इंडिया के एंबेसेडर तोमास कोजलोवस्की थे।

दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा नताशा भाटिया (23) ने कहा, “मेरी सभी दोस्त कुछ दिनों से पुस्तक मेले का इंतजार कर रही थीं लेकिन मौसम खेल बिगाड़ने का काम कर रहा है। गनीमत है कि सुबह में बहुत अधिक बारिश नहीं हुई इसलिए हम बिना मौका गंवाए यहां पहुंच गए।”

पुस्तक मेले से खरीदी गईं किताबों का बोझ लिए तेजी से चल रही भाटिया और उनके दोस्तों का समूह पुस्तक मेला में किए गए इंतजाम पर खुशी का इजहार किया। भाटिया की खरीदी गई किताबों में रस्किन बॉड की लिखी कई किताबें थीं।

इसी समूह के संतोष ने कहा, “हम लोग अपने साथ बहुत नकदी लेकर नहीं चले थे लेकिन यह देखकर राहत मिली कि लगभग सभी स्टॉल पर कार्ड स्वीकार किए जा रहे हैं। हमलोगों को एक मोबाइल एटीएम वैन भी दिखी। मैं समझता हूं कि बगैर किसी परेशानी के पुस्तक मेले के चलने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है।”

मेले में चिल्ड्रन्स पवेलियन में संगोष्ठी, पैनल चर्चा, कथावाचन, सृजनात्मक लेखन पर कार्यशाला सहित कई गतिविधियां हो रही हैं।

कार्यक्रम के आयोजक नेशनल बुक ट्रस्ट ने एक बयान में कहा, “नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला में इस बार का थीम ‘मानुषी’ है, जिसमें महिलाओं द्वारा महिलाओं पर लेखन और प्राचीन समय से लेकर अब तक महिलाओं के लेखन की समृद्ध परंपरा का प्रदर्शन किया जाएगा।”

नेशनल बुक ट्रस्ट अपना 60वां स्थापना दिवस मना रहा है।

आयोजकों ने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी डा. कर्ण सिंह, वी. के. चेरियन, मृदुला कोशी, परविंदर बाली और समीर दुआ जैसे लेखक मेले में आने वाले लोगों से रू ब रू होंगे। लेखक और दर्शकों का एक साथ मिलना पुस्तक मेले को जीवंत बनाता है।

विश्व पुस्तक मेले में देश व विदेश से लगभग 800 प्रकाशकों ने हिस्सा लिया है। इस वर्ष मेले में अपने प्रतिनिधियों के साथ करीब 20 देश भाग ले रहे हैं।

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Dileep Kumar
the authorDileep Kumar