NationalTop News

भारत और विश्व को एक-दूसरे की जरूरत : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, 'रायसीना डायलॉग', 'स्थानीय संकीर्ण और संरक्षणवादी रवैए'pm modi in raisina dialogue
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, 'रायसीना डायलॉग', 'स्थानीय संकीर्ण और संरक्षणवादी रवैए'
pm modi in raisina dialogue

नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि विश्व को एक आगे बढ़ते भारत की उतनी ही जरूरत है, जितनी कि भारत को विश्व की। प्रधानमंत्री ने वैश्वीकरण के लक्ष्यों को चुनौती देने वाले ‘स्थानीय संकीर्ण और संरक्षणवादी रवैए’ के प्रति आगाह किया और कहा कि अराजक तत्व अस्थिरता, हिंसा और चरमपंथ को हवा दे रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने यह बात भारत के महत्वाकांक्षी भू-राजनैतिक सम्मेलन ‘रायसीना डायलॉग’ के द्वितीय संस्करण के उद्घाटन सत्र में कही।प्रधानमंत्री ने एशिया-प्रशांत के लिए एक नए खुले और समावेशी सुरक्षा ढांचे की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि पाकिस्तान अगर भारत से बातचीत चाहता है तो उसे इसके लिए आतंकवाद से किनारा करना होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत में बदलाव वैश्विक संदर्भो से परे नहीं है। हमारी आर्थिक तरक्की, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर, पूंजी, प्रौद्योगिकी, बाजार, संसाधन तक हमारी पहुंच और हमारे देश की सुरक्षा-ये सभी विश्व में होने वाले घटनाक्रम से अभिन्न रूप से जुड़े हुए हैं। लेकिन, यही बात पलटकर भी इतनी ही सही है। विश्व के लिए भी एक आगे बढ़ता हुआ भारत उतना ही जरूरी है, जितना विश्व भारत के लिए।”

मोदी ने कहा कि सुधार तब तक काफी नहीं है, जबतक कि वह अर्थव्यवस्था व समाज में बदलाव न करे। उन्होंने कहा, “2014 में भारत के लोगों ने नई शुरुआत की। बदलाव के जनादेश के साथ एकमत से उन्होंने मुझे सरकार सौंपी। बदलाव केवल मनोभाव नहीं, बल्कि मानसिकता के लिए, बदलाव गहराई से उद्देश्यपूर्ण कार्रवाई के लिए, बदलाव साहसिक निर्णय लेने के लिए।”

मोदी ने कहा, “सुधार अकेले काफी नहीं है, जबतक कि वह अर्थव्यवस्था व समाज में बदलाव न करे।” उन्होंने कहा, “रोजाना, मेरे काम की सूची इसी उत्प्रेरक से निर्देशित होती है कि सभी भारतीयों की सुरक्षा तथा समृद्धि के लिए भारत में बदलाव व सुधार करना है।” प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान से कहा कि अगर वह भारत के साथ बातचीत चाहता है, तो उसे आतंकवाद से किनारा करना होगा।

‘रायसीना डायलॉग’ में मौजूद अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, आस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री केविन रुड, कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर और अन्य हस्तियों की मौजूदगी में मोदी ने कहा, “भारत अकेले शांति के पथ पर नहीं चल सकता है। पाकिस्तान को भी शांति की राह अपनानी होगी। अगर पाकिस्तान, भारत के साथ बातचीत चाहता है, तो उसे आतंकवाद से किनारा करना होगा।”

प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के संबंध में कहा कि यह कोई असामान्य बात नहीं है कि दो विशाल पड़ोसियों के बीच कुछ मतभेद हों। उन्होंने कहा कि वह और चीन के राष्ट्रपति इस बात पर सहमत हैं कि दोनों देशों को मिलकर आर्थिक व व्यापारिक सहयोग के विशाल क्षेत्र में कदम बढ़ाना होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंधों का हर स्तर पर विस्तार हो रहा है। उन्होंने कहा, “अमेरिका के साथ संबंधों में उठाए गए हमारे कदमों ने आर्थिक, व्यावसायिक, व्यापारिक, सुरक्षा जैसे तमाम क्षेत्रों को गति, महत्व और मजबूती प्रदान की है।”

मोदी ने कहा, “नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मेरी बातचीत हुई है। इसमें हमारे बीच यह सहमति बनी कि हम अपनी रणनीतिक साझेदारी में हासिल की गई इन उपलब्धियों को और मजबूत बनाएंगे।”

प्रधानमंत्री ने मध्य पूर्व के देशों, रूस, जापान और अन्य महत्वपूर्ण देशों के साथ भारत के रिश्तों के और बेहतर होने की बात कही। ‘रायसीना डायलॉग’ का आयोजन थिंकटैंक आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन ने विदेश मंत्रालय के सहयोग से किया है।

=>
=>
loading...