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आईपीएल का अनुभव डेथ ओवरों में काम आया : भुवनेश्वर

कोलकाता | भारतीय टीम के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने शनिवार को कहा कि अंतिम ओवरों में गेंदबाजी करना आज के दौर में मुश्किल काम है क्योंकि 350 रनों का स्कोर आम हो गया है। भुवनेश्वर ने साथ ही माना कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से मिले अनुभव ने उनकी काफी मदद की है।

भुवनेश्वर ने कटक में खेले गए दूसरे एकदिवसीय मैच में उमेश यादव का स्थान लिया था। उन्होंने अंतिम ओवरों में शानदार गेंदबाजी करते हुए इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन और मोइन अली के बीच छठे विकेट के लिए हुई 93 रनों की साझेदारी को तोड़ा था और रन भी रोके थे।

ईडन गरडस स्टेडियम में रविवार को होने वाले तीसरे मैच से पहले आयोजित संवाददाता सम्मेलन में भुवनेश्वर ने कहा, “मैं जिस तरह से डेथ ओवरों में गेंदबाजी कर रहा हूं, उसके लिए मैं आईपीएल को धन्यवाद देना चाहता हूं। जब सनराइजर्स हैदराबाद ने मुझे अपनी टीम में चुना था तब में राष्ट्रीय टीम के लिए खेल रहा था और वो मुझ पर डेथ ओवरों में गेंदबाजी करने के लिए काफी हद तक निर्भर थे।”

उन्होंने कहा, “इसलिए मेरे पास डेथ ओवरों में गेंदबाजी करने का अनुभव है। मैं वही चीज अपने दिमाग में रखता हूं और वही यहां करने की कोशिश करता हूं।”

भुवनेश्वर ने माना कि गेंद गीली होने के कारण यॉर्कर डालने में मुश्किल होती है और इस समस्या से निपटने के लिए वह गीली गेंद से अभ्यास भी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “गीली गेंद से यॉर्क डालना मुश्किल होता है, लेकिन हम गीली गेंद से यॉर्क डालने का अभ्यास कर रहे हैं।”

भुवनेश्वर से जब पूछा गया कि क्या क्रिकेट अब बल्लेबाजों का खेल हो गया है तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा, “हम अब इसके आदी हो गए हैं। हम जानते हैं कि 350 सामान्य स्कोर है।”

भुवनेश्वर न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में चोटिल हो गए थे। अपनी वापसी पर उन्होंने कहा, “जब आप कुछ दिनों बाद खेलते हैं तो यह मुश्किल होता है। कहीं न कहीं घबराहट होती है। आपको लंबे समय के बाद खेलने का मौका मिलता है।”

उन्होंने कहा, “मैंने लंबे समय से मैच नहीं खेला है और यह अहसस मुझे हमेशा रहता था कि मैं अभ्यास तो कर रहा हूं लेकिन मैच नहीं खेल रहा हूं। मैच में खेलने और दो-तीन ओवर डालने से आप मैच की स्थिति से वाकिफ हो जाते हैं।”

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Raj Bisht
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