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जल्लीकट्टू पर बवाल, प्रदर्शनकारियों ने गाडि़यां और थाना फूंका

हिंसक प्रदर्शन, जलीकट्टू बिल तमिलनाडु विधानसभा में पासprotest-in-chennai for jallicattu
चेन्नई के मरीना बीच, जल्लीकट्टू को लेकर प्रदर्शन उग्र, हिंसक भीड़ पर लाठीचार्ज, एम के स्टालिन
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‘चेन्नई में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई तानाशाही सोच’

चेन्नई। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के मरीना बीच पर जल्लीकट्टू को लेकर प्रदर्शन उग्र हो गया है. प्रदर्शनकारियों ने मरीना बीच पर प्रदर्शन के दौरान 25 वाहनों में आग लगा दी इसके अलावा आइस हाउस थाने को भी प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया. पुलिस ने हिंसक भीड़ पर लाठीचार्ज कर काबू में करने की कोशिश की लेकिन तनाव अभी भी बना हुआ है.

दूसरी ओर द्रमुक के कार्यवाहक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की आलोचना की है। विधानसभा में विपक्ष के नेता स्टालिन ने एक बयान में कहा, यह निंदनीय है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत करने के बजाय विरोध प्रदर्शनों को समाप्त करने के लिए तानाशाही सोच के साथ पुलिस बल का इस्तेमाल किया गया।

स्टालिन ने इस कार्रवाई को अलोकतांत्रिक करार दिया है। सुबह हुई पुलिस कार्रवाई में मरीना बीच पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाया जा रहा है।

गौरतलब है कि राज्य विधानसभा ने राज्यपाल के पारंपरिक संबोधन के बाद आज ही इस मामले पर चर्चा होनी है। प्रदर्शनकारियों में अधिकतर लोग छात्र और युवा हैं। प्रदर्शनकारी शनिवार को लाए गए अध्यादेश को एक अस्थायी उपाय बताते हुए जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए एक स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।

इससे पहले पुलिस के आला अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से बात करते हुए अपील की कि राज्‍य सरकार ने आपकी मांग मान ली है और अब प्रदर्शन खत्‍म करना होगा। वहीं प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वो पुलिस पर भरोसा करते हैं लेकिन उन्‍हें अध्‍यादेश पर बात करने के लिए आधे दिन का समय चाहिए।

आज विधानसभा में पेश होगा जल्लीकट्टू से जुड़ा विधेयक

पुलिस अधिकारी ने प्रदर्शनकारियों को शनिवार को सरकार द्वारा लाये गये अध्यादेश के बारे में विस्तार से बताया और विधानसभा में लाये जाने वाले विधेयक के उद्देश्यों को समझाया।

उन्होंने कहा कि इस विधेयक के अधिनियम बनने के बाद जल्लीकट्टू का आयोजन स्थाई रूप से संभव हो सकेगा। इसके बाद उन्होंने प्रदर्शनकारियों से तितर-बितर होने का आग्रह किया और आश्वासन दिया कि पुलिस भीड़ के बीच नहीं घुसेगी।

इससे पूर्व मरीना बीच पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया क्योंकि आज राज्य विधानसभा का सत्र होना है जिसमे विधेयक को पेश किया जायेगा। बीच पर होने वाली गणतंत्र दिवस परेड के लिए तीन दिन बचे हुए है। परेड की रिहर्सल के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये है।

क्या है पूरा विवाद

गौरतलब है कि जल्लीकट्टू दक्षिण भारत में बहुत लोकप्रिय है और इसे मकर संक्रांति एवं पोंगल के अवसर पर आयोजित किया जाता है जिसमें युवकों के जत्थे सांडों को पकड़कर अपने वश में करते हैं।

ृकुछ पशु प्रेमी संस्थाओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि इस दौरान बेकसूर जानवरों के साथ अधिक हिंसा बरती जाती है और इस कारण कई बार इनकी मौत भी हो जाती है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2014 में इस खेल के आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया था।

तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के समर्थन में हो रहे जोरदार प्रदर्शनों को देखते हुए केन्द्र सरकार ने राज्य के इस लोकप्रिय और पारंपरिक खेल की वापसी का मार्ग प्रशस्त करते हुए हाल में एक अध्यादेश को अनुमति दी थी।

जल्लीकट्टू मामले पर सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध को रद्द करने के मद्देनजर यह अध्यादेश लाया गया था। इस अध्यादेश का मसौदा पहले तमिलनाडु सरकार ने केन्द्र को भेजा था। राज्य सरकार जानवरों के प्रति हिंसा संबंधी रोकथाम कानून(पीसीए) में राज्य स्तर पर आवश्यक बदलाव करते हुए जल्लीकट्टू से प्रतिबंध हटाने को लेकर यह अध्यादेश लाई थी।

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