पटना| बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन के प्रमुख घटक जद (यू) (जनता दल युनाइटेड) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। जद (यू) के महासचिव क़े सी़ त्यागी ने बुधवार को यहां घोषणा की और कहा कि सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए पार्टी ने उत्तर प्रदेश में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।
सांसद त्यागी ने पटना में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा, “पार्टी का मानना है कि जद (यू) अगर उत्तर प्रदेश में अपने उम्मीदवार उतारेगी तो इससे धर्मनिरपेक्ष मतों का बंटवारा होगा, और इसका लाभ अंतत: भाजपा को पहुंचेगा। यह पार्टी नहीं चाहती है।”
उन्होंने हालांकि समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के गठबंधन में अन्य धर्मनिरपेक्ष दलों के शामिल नहीं किए जाने पर नराजगी जताई और कहा, “सपा और कांग्रेस बिहार की तर्ज पर महागठबंधन बनाने में सफल नहीं हो सकीं।”
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रचार में शामिल होने के प्रश्न पर जद (यू) नेता ने कहा कि जब पार्टी चुनाव ही नहीं लड़ेगी तो नीतीश के प्रचार में जाने का सवाल कहां उठता है। उन्होंने यह भी कहा कि जद (यू) उत्तर प्रदेश के कई प्रमंडलों में मजबूत हुई थी।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार देर रात तक चली पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया। जद (यू) के अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में उत्तर प्रदेश की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए इस बात पर सहमति बनी।
हालांकि इसके पहले नीतीश कुमार ने बनारस, मिर्जापुर, इलाहाबाद, कानपुर, लखनऊ एवं गोरखपुर में सभाएं की थी, और इससे लगा था कि पार्टी विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
उल्लेखनीय है कि बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल राजद ने सपा को समर्थन देने की घोषणा की है, जबकि कांग्रेस का सपा के साथ गठबंधन है।