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बजट : विपक्षी दलों ने बताया दिशाहीन, निराशाजनक 

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नई दिल्ली| केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को लोकसभा में केंद्रीय बजट 2017-18 पेश कर दिया, हालांकि विपक्षी दलों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का यह बजट प्रभावित करने में नाकाम रहा। तमाम विपक्षी दलों ने आम बजट 2017-18 की आलोचना करते हुए इसे दिशाहीन बताया है। आइए जानते हैं आम बजट को लेकर किसने क्या कहा

राहुल गांधी : “हम तो आतिशबाजी की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उसकी जगह हमें एक फुस्स बम मिला है। बजट में दूरदर्शिता की कमी है। सरकार ने नोटबंदी के जरिए आम जनता को जो दर्द दिया था, उसके बाद उम्मीद थी कि गरीबों, किसानों और बेरोजगारों के लिए कुछ करेगी, लेकिन इसमें कोई स्पष्ट दृष्टिकोण लक्षित नहीं हो रहा है।”

राहुल ने कहा, “वित्तमंत्री का काम रोजगार सृजन, किसानों की परेशानी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक विस्तृत खाका पेश करना है। लेकिन उन्होंने इन बुनियादी बातों पर कुछ नहीं कहा। मोदी ने बुलेट ट्रेन शुरू करने की बात की थी। क्या वह शुरू हुई?”

लालू प्रसाद : “इस बजट में बेरोजगारों के लिए कुछ भी नहीं है। बजट में एम्स सिर्फ भाजपा प्रदेश में दिया गया और बिहार की अनदेखी की गई है। बिहार के लिए जो वादा किए थे, वह भी इस बजट में नहीं दिखा।”

ममता बनर्जी : “एक बहुत ही विवादास्पद बजट जो दिशाहीन, बेकार, आधारहीन, मिशनरहित और कार्रवाईविहीन, हृदयहीन है। अपनी विश्वसनीयता खो चुकी सरकार के इस बजट में देश के लिए कोई योजना नहीं है। करदाताओं के लिए अभी भी बैंकों से पैसे की निकासी पर प्रतिबंध हैं। इन प्रतिबंधों को तुरंत हटाएं।”

नीतीश कुमार : “बजट से उन्हें काफी निराशा हुई है। बजट में बिहार के लिए कुछ भी नहीं है। इसमें कोई ठोस बात नहीं की गई है। सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। किसानों से जो वादे किए थे, उन पर एक कदम भी आगे नहीं बढ़े।”

डिंपल यादव : “मैं बजट से संतुष्ट नहीं हूं। यह दिशाहीन है और इसमें देश में बदलाव लाने के लिए दूरदर्शिता की कमी है। इस सरकार ने देश के किसानों, युवाओं और खास तौर से महिलाओं की अनदेखी की है। उनके लिए बजट में कुछ भी नहीं है।”

नरेश अग्रवाल : “यह एक निराशाजनक बजट है। इसमें किसानों के लिए कुछ नहीं है। इसमें बेरोजगारों के लिए नौकरियों की बात नहीं है। यह पूरी तरह से नकारात्मक और निराशाजनक बजट है।”

शरद यादव : “बजट में किसानों, बेरोजगार युवकों और नोटबंदी की योजना के बारे में बातें हैं। इस बजट में किसानों के लिए कुछ भी नहीं है। यह युवाओं के लिए रोजगार सृजन के बारे में भी कुछ नहीं कहता है।”

उन्होंने कहा, “भाजपा ने युवाओं के लिए दो करोड़ नौकरियां पैदा करने की बात कही थी। कहां हैं वे नौकरियां?”

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Dileep Kumar
the authorDileep Kumar