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जमात के राष्ट्रव्यापी बंद के मद्देनजर बांग्लादेश में सुरक्षा पुख्ता

bangladesh_strike--621x414ढाका | बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा देश के सबसे बड़े इस्लामिक समूह जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख की मौत की सजा बरकरार रखने के विरोध में समूह के राष्ट्रव्यापी बंद के मद्देनजर अधिकारियों ने पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर दी है। बीडीन्यूज 24 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वोच्च न्यायालय ने जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख मोतीउर रहमान निजामी को 1971 के युद्ध अपराध के लिए मौत की सजा को बरकरार रखा, जिसका विरोध करते हुए समूह ने गुरुवार को राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा की।

हड़ताल के दौरान सुबह में ढाका में शांति रही। जमात के कार्यकर्ताओं ने हड़ताल के समर्थन में किसी प्रकार का जुलुस नहीं निकाला। जमात प्रमुख की अपील पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद बुधवार से ही ढाका में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई। उसने युद्ध अपराध न्यायाधिकरण के फैसले को चुनौती दी थी।

सन् 1971 के लिबरेशन वार के दौरान बुद्धिजीवियों की हत्या के लिए निजामी दूसरा युद्ध अपराधी है, जिसे मौत की सजा सुनाई गई है। युद्ध के दौरान वह इस्लामी छात्र संघ का प्रमुख था, जो जमात-ए-इस्लामी की छात्र शाखा थी। वह अल-बद्र फोर्स का भी प्रमुख था, जिसका गठन छात्र संघ के कुछ सदस्यों ने किया था। अल-बद्र का गठन पाकिस्तानी आक्रमण बलों का सक्रिय समर्थन करने के लिए किया गया था।

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