चेन्नई| तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई.के.पलनीस्वामी को शनिवार को विधानसभा में होने वाले शक्ति परीक्षण से पहले झटका लगा है। कोयंबटूर उत्तर से विधायक अरुण कुमार ने पलनीस्वामी का साथ छोड़ दिया है।
कोयंबटूर से अरुण कुमार ने फोन कर बताया, “मैंने बीच रिसॉर्ट छोड़ दिया है।” उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता और लोग पार्टी के मौजूदा नेतृत्व से खुश नहीं हैं।
यह पूछने पर कि उन्होंने पलनीस्वामी के विरुद्ध वोट करने के बजाय विश्वास मत का बहिष्कार करने का फैसला क्यों किया, अरुण ने कहा कि वह पार्टी एकता, लोगों एवं कार्यकर्ताओं के विचारों में विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा कि वह पार्टी पर एक ही परिवार के नियंत्रण के खिलाफ हैं और उनका फैसला इसी संदर्भ में है।
अरुण कुमार के समर्थन से इनकार के बाद अब ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की महासाचिव वी.के.शशिकला के ‘भरोसेमंद’ पलनीस्वामी के गुट में विधानसभा अध्यक्ष सहित 123 विधायक रह गए हैं।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम के खेमे में 11 विधायक हैं। विधानसभा में विपक्षी दल द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के 89 विधायक, कांग्रेस के आठ और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के एक विधायक हैं, जबकि एक सीट खाली है।
डीएमके, कांग्रेस और आईयीएमआई का कहना है कि वे पलनीस्वामी सरकार के खिलाफ वोट करेंगे। डीएमके अध्यक्ष एम.करुणानिधि अस्वस्थ हैं। विपक्ष के पास कुल 97 सीटें हैं।
पन्नीरसेल्वम खेमे के पास 11 विधायकों का समर्थन है और इस तरह यह संख्या 108 हो गई। यदि शशिकला खेमे से 8-10 विधायकों की क्रॉस वोटिग होती है तो यह पलनीस्वामी के लिए संकट की स्थिति होगी। तमिलनाडु विधानसभा में कुल 234 सीटें हैं, जबकि एक सीट खाली है।