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लेखकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक नहीं : मंत्री

kapilmishra1नई दिल्ली | दिल्ली के कला, संस्कृति व भाषा मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि लेखकों और बुद्धिजीवियों पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर किसी तरह की रोक नहीं होगी। कपिल मिश्रा ने यहां ‘दिल्ली साहित्य उत्सव’ के चौथे संस्करण के उद्घाटन के दौरान यह बात कही।

तीन दिवसीय साहित्य समारोह शुक्रवार को दिल्ली हाट में शुरू हुआ, जो 10 जनवरी तक चलेगा। मिश्रा ने कहा, “मैं आश्वस्त करता हूं कि दिल्ली में लेखकों के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर कोई परेशानी नहीं होगी। हमारी सरकार लेखकों और कलाकारों को उनके विचारों को स्वतंत्र रूप से जाहिर करने के लिए समर्थन देगी।” मंत्री ने कहा, “केवल लेखकों में ही मौजूदा हालातों के खिलाफ विचार रखने का सामथ्र्य है। सीमाओं को तोड़ने की जरूरत है।”

मिश्रा ने कहा, “जो समझ सकते हैं कि जनवरी 2016 में पत्थर अचानक क्यों अयोध्या पहुंचाए जा रहे हैं, उन्हें इस बारे में खुलकर लिखना चाहिए।” केंद्र पर निशाना साधते हुए मिश्रा ने कहा कि जब पठानकोट जैसे हमले को नहीं टाला जा सका, तो आखिर क्यों गुलाम अली जैसे गायकों को रोका गया?

उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली को देश में अपनी गजल गायिकी की प्रस्तुति देने से रोक दिया गया। जिन्हें रोका जाना चाहिए था, वे तो पठानकोट पहुंच गए और अब भी यह पता नहीं है कि कितने अतंकवादी शहर में घुसे? हमें इसे बदलने की जरूरत है। मिश्रा ने यह भी कहा कि उभरते लेखकों को पाठकों तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया से भी काफी मदद मिल रही है।

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