नई दिल्ली| केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) की स्वीकारोक्ति में कोई नई बात नहीं है। पूर्व एनएसए महमूद अली दुर्रानी ने सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया है कि उनके देश के एक आतंकवादी संगठन ने साल 2008 में मुंबई हमले को अंजाम दिया था। रिजिजू ने संवाददाताओं से कहा, “भारत के रुख से हर कोई अच्छी तरह वाकिफ है। इस खुलासे में कुछ भी नया नहीं है।”
इससे पहले दिन में, दुर्रानी ने कहा था कि मुंबई में आतंकवादी हमले को पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन ने अंजाम दिया था। साथ ही यह भी कहा था कि ‘सीमा पार आतंकवाद का यह क्लासिक उदाहरण है।’
दुर्रानी ने यहां इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस में 19वें एशियाई सुरक्षा सम्मेलन में कहा, “घृणायोग्य इस बात को मैं स्वीकार करता हूं कि पाकिस्तान के एक आतंकवादी संगठन ने 26/11 के मुंबई हमले को अंजाम दिया था। यह सीमापार आतंकी गतिविधि का एक क्लासिक उदाहरण है।”
लेकिन, दुर्रानी ने इस बात पर जोर दिया कि हाफिज सईद और लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशन कमांडर जकीउर रहमान लखवी ने जिस आतंकवादी हमले को अंजाम दिया, उनमें पाकिस्तान सरकार की कोई भूमिका नहीं थी। पाकिस्तान में कथित तौर पर ढिलाई से चलाए गए मुकदमे में साल 2016 में जकीउर रहमान लखवी को जमानत मिल गई थी। पाकिस्तान का मुंबई हमला मामले की सुनवाई पूरी करने में नाकाम रहना, भारत तथा पाकिस्तान के बीच के द्विपक्षीय संबंधों का एक सबसे बड़ा रोड़ा रहा है।