नई दिल्ली| उत्तर प्रदेश की नवगठित भाजपा सरकार के लिए तात्कालिक चुनौतियों को सूचीबद्ध करते हुए उद्योग संगठन एसोचैम ने रविवार को कहा कि नए प्रशासन को बेहतर बिजली आपूर्ति, बुंदेलखंड को तत्काल राहत देने और किसानों के गन्ना बकाया भुगतान का स्थायी हल सुनिश्चित करना चाहिए। एसोसिएटेड चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने यहां एक विज्ञप्ति में कहा कि भाजपा को मिले भारी जनादेश से उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री को इन तात्कालिक चुनौतियों का सामना करना है।
भारतीय जनता पार्टी ने योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का नया मुख्यमंत्री बनाया है। आदित्यनाथ गोरखपुर स्थित गोरक्षपीठ के महंत और क्षेत्र के सांसद हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है, “नई सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता आने वाली गर्मी में बिजली की गुणवत्ता और मात्रा में तेजी से सुधार लाने की होनी चाहिए।”
उद्योग संगठन ने कहा, “इसके लिए केंद्र की उज्जवल डिस्काम एश्योरेंस योजना (उदय) का तत्काल सहारा लेना चाहिए, जिससे राज्य के ग्रामीण और शहरी इलाके को बेहतर बिजली की आपूर्ति दी जा सके।” एसोचैम महासचिव डी.एस. रावत ने कहा, “एक कृषि राज्य होने के कारण उत्तर प्रदेश में विविध कृषि गतिविधियों में बड़ी संभावनाएं हैं। इन्हें आधुनिक प्रसंस्करण की सुविधाओं की जरूरत है, जिसे निजी क्षेत्र में वित्तीय या दूसरे सहयोग से प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।”
रावत ने कहा, “इसी तरह राज्य में बहुत से कृषि केंद्र और मंडियों का निर्माण किया जाना चाहिए।” इसमें कहा गया है, “मेट्रो रेल जैसी पहल की गई है इसे और बड़ा किया जाना चाहिए। इसके साथ सफाई, पेयजल, शहरी कचरा प्रबंधन सहित शहर के बुनियादी ढांचे में ज्यादा निवेश किया जाना चाहिए।”
इसमें कहा गया, “चूंकि भाजपा मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश दोनों जगह सत्ता में है, इसलिए दोनों राज्यों के बीच एक बेहतर समन्वय बुंदेलखंड इलाके की समस्याओं से निपटने के लिए किया जा सकता है। यह इलाका लंबे समय तक पानी की कमी और पिछड़ेपन का शिकार रहा है।” वास्तव में बुंदेलखंड के पिछड़ेपन ने समय-समय पर एक अलग राज्य के स्थापना के आंदोलन को बढ़ावा दिया है।