मुंबई | चालू वित्तवर्ष (2016-17) की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में देश के चालू खाते का घाटा बढ़कर 7.9 अरब डॉलर हो गया, जबकि वित्तवर्ष 2015-16 की समान तिमाही में यह 7.1 अरब डॉलर था। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को यह जानकारी दी। आरबीआई ने चालू वित्तवर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान देश के भुगतान संतुलन (बीओपी) के बारे में कहा, “सालाना आधार पर व्यापार घाटे में थोड़ी कमी आने के बावजूद सीएडी में बढ़ोतरी का मुख्य कारण शुद्ध अदृश्य प्राप्तियों में आई गिरावट है।”
देश का सीएडी सकल घरेलू उत्पाद (सकल घरेलू उत्पाद) का 1.4 प्रतिशत है, जबकि 2015 में इसी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद का 1.4 प्रतिशत था। वित्तवर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही में, विदेशी मुद्रा भंडार (बीओपी आधार पर) गिरकर 1.2 अरब डॉलर रहा, जबकि पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में इसमें 4.1 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी। 2016 में अप्रैल से दिसंबर की अवधि में देश का व्यापार घाटा घटकर 82.8 अरब डॉलर रहा, जबकि 2015 के अप्रैल से दिसंबर की अवधि के दौरान यह 105.3 अरब डॉलर था।