अहमदनगर (महाराष्ट्र) | अनिता शेते ने सोमवार को इतिहास रच दिया, जब उन्हें सर्वसम्मति से विश्व प्रसिद्ध शनि शिगनापुर मंदिर के ट्रस्ट का प्रमुख नियुक्त किया गया। इस पद पर पहली बार किसी महिला की नियुक्ति की गई है। भगवान शनिदेव के इस मंदिर में किसी महिला को पूजा की अनुमति नहीं दी जाती। मंदिर की ट्रस्टी प्रफुल्ल एन. सरपुरिया ने मीडिया को बताया, “इस मंदिर की पिछली पांच शताब्दियों के इतिहास में किसी महिला को पहली बार ट्रस्ट प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है। यही नहीं एक और महिला वैशाली लांडे को भी 11 सदस्यीय ट्रस्ट में शामिल किया गया है।”
40 वर्षीय शेते अन्य 11 सदस्यों के साथ 5 सालों के लिए ट्रस्ट की जिम्मेदारी संभालेंगी। इस मंदिर के ट्रस्टियों को अनिवार्य रूप से शिगनापुर का निवासी होना चाहिए और उसका जन्म शिगनापुर ग्राम पंचायत के अंदर ही होना चाहिए। इस गांव की आबादी 1500 है। शेते शादीशुदा हैं। सरपुरिया ने बताया, “हालांकि अभी भी मंदिर में महिला श्रद्धालुओं को पूजा करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। यहां पुराने जमाने से ही महिला श्रद्धालुओं को शनिदेव की पूजा करने से रोका जाता है और हमें इस पुराने रिवाज को बदलने का कोई कारण नजर नहीं आता।”
सुप्रिया ने बताया कि पिछले महीने चार महिलाओं के एक समूह ने लैंगिक भेदभाव को लेकर यहां 400-500 अन्य महिलाओं के साथ हंगामा किया था। लेकिन उन्हें मंदिर में नहीं जाने दिया गया। शनि शिगनापुर को दुनिया भर में इस अनूठे शनि मंदिर के अलावा इसलिए भी जाना जाता है कि यहां लोग अपने घरों में न तो दरवाजा लगाते हैं और न ही ताला लगाते हैं। यहां तक कि एक राष्ट्रीय बैंक की स्थानीय शाखा भी ताला नहीं लगाती, क्योंकि यहां चोरी का डर नहीं है।