Uttar Pradeshलखनऊ

कर्जमाफी पर सपा-कांग्रेस गठबंधन में विरोधाभासी स्वर : भाजपा

भारतीय जनता पार्टी, भाजपा, समाजवादी पार्टी, सपा, अखिलेश यादव, सपा-कांग्रेस गठबंधन, राहुल गांधी

लखनऊ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव से सवाल किया है कि अखिलेश जी सरकार का विरोध कर रहे हैं या किसानों का? इसके अलावा भाजपा ने कर्जमाफी पर सपा-कांग्रेस गठबंधन में विरोधाभास को भी आश्चर्यजनक बताया है।

भारतीय जनता पार्टी, भाजपा, समाजवादी पार्टी, सपा, अखिलेश यादव, सपा-कांग्रेस गठबंधन, राहुल गांधी

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा है कि एक तरफ तो गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस निर्णय की तारीफ की है वहीं अखिलेश यादव ने इसे धोखा कहा। उन्होंने सवाल किया है कि गठबंधन में परस्पर विरोधाभासी बयानों के क्या निहितार्थ है? राकेश त्रिपाठी ने कहा कि भाजपा सरकार ने चुनाव पूर्व लिए संकल्प का अक्षरश: पालन कर उच्चतम राजनीतिक मूल्यों की स्थापना की है।

उन्होंने अखिलेश यादव द्वारा इस निर्णय की आलोचना किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अखिलेश यादव खेती-किसानी से परे रहे हैं उन्हें राजनीति विरासत में मिली। आस्ट्रेलिया से शिक्षित अखिलेश उन किसानों की खुशी से वाकिफ नहीं जिन्हें कर्जमाफी से बड़ी राहत मिली है। अखिलेश यादव ने न तो किसानों के दुख-दर्द को कभी समझा और न ही उन्हें इस निर्णय से हुई खुशी का अंदाजा है।”

त्रिपाठी ने कहा, “समाजवादी पार्टी केवल राजनीतिक विरोध के कारण ही इस बड़े व प्रभावी निर्णय का विरोध कर रही है। इस विरोध से सपा किसानों में अपना बचा-खुचा स्थान भी खो बैठेगी।” उन्होंने कहा कि विगत पंद्रह वर्षो से प्रदेश का किसान प्राकृतिक आपदाओं, सरकारी कुप्रबंधन से मुफलिसी की कगार पर पहुंच चुका था।

त्रिपाठी ने कहा, “कर्ज के बोझ से दबे किसानों के खिलाफ अखिलेश जी ने चीनी मिल मालिकों से सांठगांठ करके उनके ब्याज को हड़पने तक का कुकृत्य किया था। अब जब योगी सरकार ने किसानों की आर्थिक समृद्धि की शुरुआत अपनी पहली कैबिनेट बैठक से ही कर दी है तो अखिलेश द्वारा इसका विरोध समझ से परे है।

अखिलेश विपक्ष की भूमिका में हैं, विरोध उनका अधिकार है, लेकिन यह समझ से परे है कि अखिलेश जी सरकार का विरोध कर रहे है या किसानों का?” त्रिपाठी ने कहा कि राहुल गांधी को कर्ज माफी पंसद आई, लेकिन अखिलेश को सहयोगी दल की बात भी पंसद नहीं आई। अखिलेश यादव ने गठबंधन जारी रखने की बात की थी लेकिन इस बड़े फैसले पर भी गठबंधन की गांठे खुलती दिख रही हैं।

=>
=>
loading...