Uttar Pradeshलखनऊ

श्रवण से होगा अज्ञान का सर्वनाश: संत प्रमोद दास

लखनऊ। सरोजनीनगर के न्यू पब्लिक स्कूल के पास पार्क में चल रही श्रीराम कथा के दूसरे दिन रविवार को संत प्रमोद दास जी महाराज ने कहा कि अज्ञान के नाश का प्रमुख साधन श्रवण है। लेकिन श्रद्धा बिना श्रवण सफल नही होता। विलंब श्रवण में नही, बल्कि श्रद्धा के प्रगटन में होता है। उन्होंने से बताया कि माता सती जी अश्रद्धा की एवं माता पार्वती जी श्रद्धा की लीला करती है। अश्रद्धा से श्रद्धा की भूमि प्राप्त करने में दो जन्म लग गए।
अश्रद्धा की भूमि में संशय जन्मता है, जो हमे शास्त्र एवं गुरु में अविस्वास पैदा कर पारमार्थिक लाभ से वंचित करा देता है। अंतत: संशय जिसमे उतपन्न होता है उसी को नष्ट कर डालता है। यही कथा माता सती बनकर समझना चाहती है। श्रद्धा माने विस्वास सहित जिज्ञासा। जो हमे शास्त्र एवं सन्त का सामीप्य प्रदान कर श्रवण करा देती है। जिससे जीव के अज्ञान का नाश एवं परिणाम में शास्वत आंनद की प्राप्ति हो जाती है।
इसलिए माता जी शिवरूप सद्गुरु से याचना करती है  ‘तौ प्रभु हरहु मोर अज्ञाना, कहि रघुनाथ कथा बिधि नाना’
संत प्रमोद दास ने भगवान शिव-पार्वती का विवाह  प्रसंग सुनाकर भाव विभोर कर दिया। आज का व्यास पूजन विनायक शुक्ल, एस पी सिंह, राजेंद्र मिश्रा ने किया तथा मुख्य अतिथि के रूप में त्रिवेणी अलमीरा के वरुण तिवारी जी उपस्थित रहे।
कथा के संयोजक अवधेश दीक्षित एवम ज्ञान चन्द्र दुबे ने बताया कि कल राम जन्मोत्सव मनाया जायेगा।
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