काहिरा| मिस्र की संसद ने देश में तीन महीने आपातकाल को मंगलवार को मंजूरी दे दी। इसके दो दिन पहले दो चचरें में हुए बम विस्फोट में कम से कम 45 लोग मारे गए थे।
मंत्रिमंडल ने सोमवार को आपातकाल की घोषणा की, जो अपराह्न् एक बजे से प्रभावी हो गया था, लेकिन संविधान के अनुसार उसे संसद की मंजूरी आवश्यक थी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, राष्ट्रपति अब्दल फतह अल-सीसी ने हमलों के बाद रविवार को टेलीविजन पर अपने एक संबोधन में आपातकाल की घोषणा की थी।
सीसी ने कहा था, “यह सिर्फ हमारे देश की हिफाजत करने और इसकी क्षमता को निशाना बनाए जाने से रोकने के लिए है।”
प्रधानमंत्री शेरिफ इस्माइल ने संसद में मंगलवार को अपने एक बयान में मिस्र में आतंकवाद से लड़ने के लिए कड़े कदम उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “यह स्पष्ट है कि मिस्र एक अभूतपूर्व और एक भयानक आतंकवादी हमले का सामना कर रहा है, जिसका मकसद देश को अस्थिर करना है।”
इस्माइल ने संसद में कहा कि आपातकाल की मंजूरी से घरेलू दुश्मनों के साथ निपटने में सरकारी संस्थानों को अधिक सुविधा मिलेगी। उल्लेखनीय है कि रविवार को उत्तरी मिस्र में घरबिया और अलेक्जेंड्रिया प्रांत के डेल्टा में दो चर्चो में हुए दो आत्मघाती हमलों में कम से कम 45 लोगों की मौत हो गई, और 120 से अधिक घायल हो गए थे।