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पूर्व गृह सचिव की आशंका, कुलभूषण को मार चुका है पाक

पूर्व केंद्रीय गृह सचिव और बीजेपी सांसद आरके सिंह, कुलभूषण जाधव की हत्या की आशंका, जाधव की फांसी की खबर पाकिस्तान द्वारा रची गई एक संदिग्ध कहानीr-k-singh

नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय गृह सचिव और बीजेपी सांसद आरके सिंह ने पाकिस्तान द्वारा कुलभूषण जाधव की हत्या की आशंका जताई है। उन्होंने जाधव की फांसी की खबर को पाकिस्तान द्वारा रची गई एक संदिग्ध कहानी बताई है।

पूर्व केंद्रीय गृह सचिव और बीजेपी सांसद आरके सिंह, कुलभूषण जाधव की हत्या की आशंका, जाधव की फांसी की खबर पाकिस्तान द्वारा रची गई एक संदिग्ध कहानी
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उन्होंने कहा, ‘कोई सैन्य ट्रायल नहीं हुआ है। उनको (जाधव) प्रताड़ित किया गया और हत्या कर दी गई है। अगर ऐसा नहीं है तो पाकिस्तान हमें राजनयिक पहुंच की इजाजत जरूर देता।’ सिंह यूपीए सरकार के दौरान वह देश के गृह सचिव थे और वर्तमान में बिहार के आरा से बीजेपी के सांसद हैं।

कुलभूषण के पास अपील के लिए 60 दिन

उधर, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने मंगलवार को कहा है कि कुलभूषण जाधव को अपनी सजा के खिलाफ 60 दिन के अंदर अपील करने का अधिकार है। हालांकि आसिफ ने कुलभूषण की सजा को सही ठहराया।

66 वर्षीय भारतीय नागरिक कुलभूषण को पाकिस्तानी सेना की फील्ड जनरल कोर्ट ने आतंकवाद और जासूसी करने के आरोपों में दोषी मानते हुए मौत की सजा सुनाई है। फांसी की सजा की पुष्टि पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने की है।

पाक को भुगतने होंगे परिणाम-सुषमा

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि कुलभूषण के खिलाफ जासूसी करने का कोई सबूत पाक के पास नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार देश के बेटे जाधव को बचाकर लाएगी।

सुषमा स्वराज ने आगाह किया कि अगर भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को मौत की सजा दी जाती है तो पड़ोसी देश के साथ कूटनीतिक संबंधों पर इसका असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, जाधव को न्याय दिलाने के लिए भारत कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा। सुषमा ने कहा कि कुलभूषण जाधव पर जो आरोप लगाए गए हैं, वह मनगढ़ंत तथा हास्यास्पद हैं और उनके द्वारा गलत काम करने का कोई सबूत नहीं है।

शशि थरूर प्रस्ताव तैयार करने में सरकार की मदद करेंगे

कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाए जाने के पाकिस्तान के फैसले के खिलाफ सरकार और विपक्ष एक साथ आ खड़े हुए हैं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर पाक सैन्य कोर्ट के फैसले की निंदा करने के लिए एक प्रस्ताव को तैयार करने में सरकार की मदद करेंगे। इस प्रस्ताव को संसद के दोनों सदनों से पास कराया जाएगा।

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