नई दिल्ली| अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल खत्म करने के एक दिन बाद आम आदमी पार्टी (आप) के निलंबित नेता कपिल मिश्रा ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष शिकायत दर्ज कराई।
कपिल मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा, “आज (मंगलवार) को मैं और नील (टेरेंस हस्लाम) कालेधन को सफेद करने व दान की राशि को निर्वाचन आयोग व आयकर विभाग से छिपाने को लेकर केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए सीबीआई गए थे। हमने उनके दो विधायकों के फर्जी कंपनियों से जुड़े होने की जानकारी भी दी।”
दिल्ली सरकार से बर्खास्त किए गए मंत्री मिश्रा ने जांच एजेंसी को मामले से जुड़े कागजात भी सौंपे। आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक पर निशाना साधते हुए मिश्रा ने कहा, “जो आदमी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने की बात कह कर राजनीति में शामिल हुआ, जिसने लोगों के पैसे से चुनाव लड़ने की बात कही, उसकी असलियत सामने आ चुकी है।”
मिश्रा ने कहा, “उन्होंने बड़े लोगों से लाखों रुपये का दान लिया है।” मिश्रा ने आरोप लगाया, “यहां तक कि उन्होंने (केजरीवाल) कालेधन से पार्टी चलाने की कोशिश की, पार्टी को दान में मिली वास्तविक राशि छुपाने की कोशिश की।”
केजरीवाल की निंदा करते हुए मिश्रा ने कहा कि वह फर्जी कंपनियों का जाल बुनने की कोशिश कर रहे थे, जिनसे उन्हें भारी दान मिला।
मिश्रा ने 9 मई को सीबीआई से संपर्क किया था और तीन शिकायतें दर्ज कराईं। इसमें केजरीवाल और सत्येंद्र जैन के बीच नकदी लेनदेन, केजरीवाल के संबंधी की कंपनी के पीडब्ल्यूडी कार्य में शामिल होने, छतरपुर फार्महाउस के जमीन सौदे व आप के पांच नेताओं के विदेश दौरे का मामला शामिल था।
कपिल मिश्रा ने 14 मई को केजरीवाल के खिलाफ नए आरोप लगाए। उन्होंने आप पर निर्वाचन आयोग से दान मामले में झूठ बोलने व फर्जी कंपनियों के जरिए धनशोधन का आरोप लगाया। इसी दौरान वह संवाददाता सम्मेलन में बेहोश हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने कहा कि पार्टी ने फर्जी कंपनियों के जरिए पैसा जमा किया है।