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प्रभुनाथ की सजा का भाजपा ने किया स्वागत, सत्ताधारी छुपाए मुंह

पटना| बिहार के पूर्व विधायक अशोक सिंह हत्याकांड में हजारीबाग की अदालत द्वारा मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह सहित तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने का जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने स्वागत किया है, वहीं सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल राजद और जद (यू) ने इसे कानूनी प्रक्रिया बताकर पल्ला झाड़ लिया।

झारखंड के हजारीबाग की अदालत ने मंगलवार को प्रभुनाथ सिंह के साथ ही उनके भाई दीनानाथ सिंह और रितेश सिंह को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने तीनों पर 40-40 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है।

भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा, “यदि यह मामला हजारीबाग अदालत स्थानांतरित नहीं होता तो पीड़िता को इंसाफ नहीं मिलता। अब राजद को प्रभुनाथ सिंह और मोहम्मद शहाबुद्दीन जैसे सजायाफ्ता नेताओं को पार्टी से निकालना चाहिए।”

राजद के प्रवक्ता शक्ति सिंह ने कहा कि प्रभुनाथ सिंह पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। दिवंगत विधायक अशोक सिंह के मामले में न्यायालय ने जो भी फैसला सुनाया है, उस पर किसी तरह की प्रतिक्रिया देना उचित नहीं है। न्यायालय ने अपना काम किया है।

यह पूछे जाने पर कि प्रभुनाथ के न रहने का पार्टी पर क्या प्रभाव पड़ेगा, प्रवक्ता ने कहा, “छपरा के लोग केवल लालू प्रसाद को जानते हैं।”

वहीं, जद (यू) के विधान पार्षद और प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि पूर्व सांसद को न्यायालय से सजा मिली है, उस पर कोई राजनीतिक प्रतिक्रिया देना उचित नहीं है। कानून ने अपना काम किया है और अदालत के फैसले का स्वागत हर किसी को करना चाहिए।

इधर, जन अधिकार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह कुशवाहा ने कहा कि अशोक सिंह हत्याकांड में फैसला देर से आया, लेकिन पीड़ित परिवार को न्याय मिला है।

उल्लेखनीय है कि तीन जुलाई, 1995 को मशरक विधानसभा क्षेत्र से जनता दल के विधायक अशोक सिंह की पटना स्थित उनके सरकारी आवास में हत्या कर दी गई थी। इस मामले प्रभुनाथ सिंह सहित अन्य पर आरोप लगा था।

इस मामले में पटना सचिवालय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। उसके बाद बाद यह मामला, तब एकीकृत बिहार के हजारीबाग अदालत में स्थानांतरण कर दिया गया था।

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Dileep Kumar
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