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कश्मीर में अलगाववादियों का मार्च नाकाम, छिटपुट हिंसा 

Srinagar: A soldier stands guard on a Srinagar road as authorities imposed valley-wide restrictions and curfew for the third consecutive day to prevent a separatist-called march to Tral, the hometown of slain Hizbul Mujahideen commander Sabzar Ahmad Bhat on May 30, 2017. (Photo: IANS)

श्रीनगर| सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर सबजार अहमद बट के मारे जाने के बाद अलगाववादियों द्वारा आहूत मार्च को मंगलवार को नाकाम कर दिया गया, लेकिन इस दौरान घाटी में हिंसा की छिटपुट घटनाओं में कम से कम एक व्यक्ति घायल हो गया। मुठभेड़ में सबजार अहमद बट के मारे जाने के बाद अलगाववादियों ने फातेहा पढ़ने के लिए पुलवामा जिले के त्राल तक मार्च का आह्वान किया था, जिसे नाकाम करने के लिए प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया था।

त्राल जाने वाली सभी सड़कों पर आवागमन अवरुद्ध कर दिया गया और उन्हें सचल बख्तरबंद वाहनों से जाम कर दिया गया। चौकसी के बावजूद पड़ोसी इलाकों से दर्जनों लोग राथसुना गांव पहुंचने में कामयाब हो गए, जहां बट को दफनाया गया था। उन्होंने उसकी कब्र पर फातेहा पढ़ा।

पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, “बदमाशों द्वारा पत्थरबाजी की छिटपुट घटनाओं -पुलवामा में दो तथा अनंतनाग में एक -को छोड़ दें, तो घाटी में कानून-व्यवस्था बरकरार रही।”

प्रदर्शनकारियों ने दक्षिणी कश्मीर के त्राल, पिंगलाना तथा केल्लर में सुरक्षाबलों पर पथराव किया। एक अधिकारी ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के दौरान सुरक्षाबलों ने अधिकतम संयम दिखाया।

झड़प में पथराव करने वाला एक युवक घायल हो गया। उसे श्रीनगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अलगाववादियों ने लोगों से पुलवामा जिले में ‘मार्च टू त्राल’ में शामिल होने की अपील की थी।

पुलवामा के सैमोहा गांव में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में बट के अलावा उसका साथी फैजान अहमद भी मारा गया था। श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट फारुख अहमद लोन ने कहा, “रैनवाड़ी, खानयार, नौहट्टा, एम.आर.गंज, सफा कदाल, क्रालखंड और मैसूमा सहित सात पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू जारी रहा।”

प्रशासन ने हिजबुल कमांडर की मौत के बाद हिंसा भड़कने से रोकने के लिए रविवार को घाटी में कर्फ्यू और प्रतिबंध लगा दिया था। शहर के अन्य हिस्सों में पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बस (सीआरपीएफ) की भारी तैनाती की गई थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जम्मू से श्रीनगर की ओर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई।

वरिष्ठ अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक को नजरबंद रखा गया है, जबकि जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) प्रमुख मुहम्मद यासीन मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया है। घाटी के कई होटल व्यवसायी कर्फ्यू और प्रतिबंध से आजीविका को बाधा पहुंचने का रोना रो रहे हैं। इस बंद की सर्वाधिक मार छात्रों और मरीजों पर पड़ रही है।

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Dileep Kumar
the authorDileep Kumar