काबुल| अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बुधवार को जर्मन दूतावास के पास विस्फोटकों से लदे पानी टैंकर में विस्फोट से 80 लोगों की मौत हो गई, जबकि लगभग 350 घायल हो गए। यह विस्फोट काबुल में सुबह 8.22 बजे हुआ, जिसमें 50 वाहन और दर्जनभर इमारतें नष्ट हो गईं। इसमें कई दूतावास और नाटो रिसॉल्यूट सपोर्ट का मुख्यालय भी शामिल है।
तालिबान ने हमले में अपना हाथ होने से इनकार करते हुए कहा कि हमलावरों की पहचान ‘कुछ समय बाद सामने आ जाएगी।’ यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि जानबाक चौराहे पर हमला इस्लामिक स्टेट (आईएस) द्वारा अंजाम दिया गया है या नहीं।
अफगानिस्तान और विदेशी सुरक्षाबल तुरंत मौके पर पहुंचे।
इस विस्फोट के बाद यहां-वहां कटे-जले शव पड़े थे, कुछ लोग तो गंभीर रूप से घायल थे जिका चेहरा खून से सना हुआ था। बचाव व पुलिस दल के पहुंचने से पहले कई घायलों को कामचलाऊ एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया।
कुछ कारें भी इस विस्फोट की चपेट में आ गईं, जिसके बाद शहर में धुंए का गुब्बार उड़ता देखा गया।
अफगानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मृतकों की संख्या 80 बताई है।
टोलो न्यूज के मुताबिक, मृतकों में अधिकतर स्थानीय नागरिक हैं। इसमें भी बड़ी संख्या रोशन मोबाइल कंपनी के कर्मचारियों की है।
चिकित्सकों का कहना है कि दर्जनभर घायलों की स्थिति गंभीर बनी हुई है और मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है। अस्पताल ने लोगों से रक्त दान करने की अपील की है।
मृतकों में टोलो न्यूज का एक अफगान पत्रकार भी है। बीबीसी और आईटीवी का एक-एक पत्रकार घायल हुआ है।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि निशाने पर कौन था।
विस्फोट जर्मनी के दूतावास के नजदीक हुआ। दूतावास की सुरक्षा में लगे एक अफगान अधिकारी की घटना में मौत हो गई।
हमले में जर्मनी, जापान तथा पाकिस्तान के दूतावास के कई कर्मचारी घायल हुए हैं। भारतीय दूतावास के खिड़कियों के शीशे चटक गए। विदेश मंत्री सुषमा ने ट्वीट कर बताया, “भगवान की कृपा से काबुल विस्फोट में भारतीय दूतावास के सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं।”
स्पेन दौरे पर गए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काबुल हमले की निंदा की।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “काबुल में आतंकवादी हमले की हम कड़ी निंदा करते हैं। मृतकों के परिजनों के प्रति हम संवेदना जताते हैं तथा घायलों के जल्द स्वस्थ होने की ईश्वर से प्रार्थना करते हैं।”
आतंरिक मंत्रालय के अधिकारी ने टोलो न्यूज को बताया कि हत्यारे ने हमले के लिए पानी के टैंकर का इस्तेमाल किया, जो विस्फोटकों से लदा हुआ था।
पाकिस्तान ने कहा है कि विस्फोट के कारण कुछ पाकिस्तानी राजनयिकों तथा कर्मचारियों के मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जापान ने कहा है कि हमले में उसके दूतावास के दो कर्मचारी घायल हुए हैं।
राष्ट्रपति अशरफ गनी ने ‘पवित्र रमजान के महीने में लोगों को निशाना बनाकर किए गए अमानवीय तथा कायराना हमले की निंदा की।’
अफगानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने आतंकवादियों के खात्मे का संकल्प लिया।
उन्होंने कहा, “हम शांति चाहते हैं, लेकिन जिन्होंने हमपर पवित्र रमजान के महीने में हमला किया है, उनके लिए शांति की कोई अहमियत नहीं है। उन्हें जड़ से खत्म किया जाना चाहिए।”