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यह क्या कह गये हाईकोर्ट के जज मोर नहीं करता सेक्स !

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट के जिस जज ने बुधवार को गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने का सुझाव दिया, उन्होंने राष्ट्रीय पक्षी मोर के बारे में एक अलग ही नजरिया पेश किया है। उन्होंने कहा कि मोर को इसलिए राष्ट्रीय पक्षी बनाया गया, क्योंकि वह (मोर) ब्रह्मचारी है।

जस्टिस महेश चंद्र शर्मा ने कहा, ‘मोर ब्रह्मचारी पक्षी है और वह मादा मोर के साथ कभी सेक्स नहीं करता है। मोरनी तो मोर के आंसू पीकर गर्भवती होती है इसलिए भगवान कृष्ण अपने सिर पर मोरपंख लगाते हैं।

राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस महेश चंद्र शर्मा ने ही बुधवार को गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा कि यदि कोई गाय की हत्या करता है तो उसे आजीवन कारावास की सजा मिलनी चाहिए।

अपनी सेवा के अंतिम दिन पारित आदेश में जस्टिस शर्मा ने कहा, ‘नेपाल हिंदू राष्ट्र है और उसने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर रखा है। भारत मुख्यत: कृषि प्रधान देश है जो पशुपालन पर आधारित है। हाईकोर्ट ने सलाह दी कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर दिया जाए और इसकी हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा हो।

राजस्थान हाईकोर्ट ने ये बातें एक जनहित अर्जी की सुनवाई के दौरान कही है। गाय की सुरक्षा को लेकर याचिका दाखिल की गई थी। जिस पर कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। जज ने यह भी कहा कि गायों की हिफाजत राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।

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Dileep Kumar
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