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ओलम्पिक में पदक लाने के लिए प्रतिबद्ध : खेल मंत्री

नई दिल्ली| केंद्र सरकार के तीन साल पूरे होने पर युवा मामले एवं खेल मंत्री विजय गोयल (स्वतंत्र प्रभार) ने गुरुवार को अपने मंत्रालय की उपलब्धियां गिनाई और भविष्य की खेल नीतियों पर प्रकाश डाला।

गोयल ने कहा कि सरकार ओलम्पिक खेलों में पदक लाने के लिए खिलाड़ियों को तैयार करने की दिशा में प्रतिबद्ध है। इस विषय में सरकार ने कदम भी उठाए हैं, अभी कई और नीतियों को लागू किया जाना बाकी है।

गोयल ने बताया कि सरकार ने आने वाले तीन ओलम्पिक खेलों 2020, 2024, 2028 के लिए टास्क फोर्स का गठन किया है जो खेलों की तैयारी पर नजर रखेगी।

गोयल ने राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, “रियो ओलम्पिक में ज्यादा पदक न आने के कारण जो चिंता पैदा हुई उसे दूर करने के लिए मंत्रालय ने कई कदम उठाए। अभी हम एथलीट सेंटर, कोच लेग और सिस्टम ड्राइव, इन तीन नीतियों के तहत काम कर रहे हैं और कुछ कदम उठाए हैं।”

गोयल ने कहा, “इन नीतियों के तहत हमने पदक जीतने वाले संभावित खिलाड़ियों को तैयार करने का फैसला किया है।”

उन्होंने कहा, “हाल ही में ओलम्पिक खेलों की तैयारी के लिए बनाई गई टास्क फोर्स ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट दे दी है। समिति की रिपोर्ट को खेल मंत्रालय देख रही है और इसे देखने के बाद अपने फैसले लेगी।”

गोयल ने साथ ही खिलाड़ियों को हर संभव मदद देने का वादा किया। स्कूल स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल मंत्रालय ने खेल शिक्षा विभाग के साथ करार किया है।

गोयल ने कहा, “हमारा मानना है कि खेल को बढ़ावा देने के लिए स्कूल स्तर पर काम करने की जरूरत है। इसके लिए हमने मानव संसाधन मंत्रालय से बात भी की है। खेल मंत्रालय ने खेल शिक्षा विभाग के साथ मिलकर एक नई संयुक्त समिति बनाई है ताकि खेल और शिक्षा को जोड़ा जा सके। इस साझेदारी के तहत हमारी कोशिश स्कूली स्तर पर बच्चों को ज्यादा से ज्यादा तादाद में खेल से जोड़ने की होगी।”

खेल मंत्री ने इसके साथ ही कहा कि बच्चों को खेल से जोड़ने के लिए स्कूल और उनके माता-पिता का समर्थन काफी अहम है।

गोयल ने बताया कि मंत्रालय महासंघों और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) में किसी भी गलत चीज को बर्दाश्त नहीं करेगा। इसी कारण नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड (एनएसडीसी) लाया गया ताकि पारदर्शिता लाई जाए।

गोयल ने कहा, “हमार देश में खेलों की बड़ी जिम्मेदारी महासंघों और आईओए पर है। इस पर ध्यान देते हुए हमने आईओए से कहा है कि वह अपनी नीति हमें बताए। एनएसडीसी के तहत हम खेलों प्रशासनिक मुद्दों, चयन प्रक्रिया, भाई भतीजावाद पर भी नजर रखेंगे। आईओए के साथ हर दो-तीन महीने में एक बैठक करेंगे।”

खेल मंत्री ने देश में खेलों को बढ़ावा और पारदर्शिता लाने के लिए महासंघों की भूमिका को अहम बताया है। उन्होंने कहा कि महासंघों पर काफी जिम्मेदारी होती जिसे उन्हें निभाना चाहिए।

उन्होंने कहा, “महासंघों पर खिलाड़ियों के चयन, प्रशिक्षकों की नियुक्ति, टीम भेजने जैसी बड़ी जिम्मेदारियां होती हैं। हमने महासंघों से कहा है कि आप प्रशिक्षकों के ऊपर ज्यादा ध्यान दें। न सिर्फ साई प्रशिक्षकों को ढूढ़ने में मदद करे बल्कि महासंघों को भी अपनी तरफ से इसमें आगे आना चाहिए।”

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Dileep Kumar
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