नई दिल्ली| अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अब निजी सुरक्षा गार्डो की हाजिरी बायोमेट्रिक सिस्टम से लगेगी। देश के इस प्रमुख अस्पताल ने कर्मचारियों की उपस्थिति में सुधार करते हुए निजी सुरक्षा गार्डो को बायोमेट्रिक व्यवस्था से जोड़ने का निर्णय लिया है।
अस्पताल के अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। यह निर्णय कई ड्यूटी के समय कई अवसरों पर सुरक्षा बलों की अनुपस्थिति और इस दौरान कई मौकों पर मौज मस्ती की हालत में पाए जाने के बाद लिया गया है।
अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी से नाम न सार्वजनिक करने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, “हमने पहले ही आदेश को जारी कर दिया है और सुरक्षा गार्डो के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति व्यवस्था जल्द ही शुरू होगी। ड्यूटी के समय सुरक्षा गाडरें के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता है।”
एम्स अस्पताल में फिलहाल 1,400 से ज्यादा निजी सुरक्षा गार्ड्स तैनात हैं।
एम्स अस्पताल प्रत्येक वर्ष अपने परिसर में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा और जांच सेवा (एसआईएस) और बॉम्बे जांच सुरक्षा (बीआईएस) पर 2.5 करोड़ रुपये खर्च करता है। ये दोनों ही निजी सुरक्षा दाता हैं।
एम्स के वार्डो में कुल 2,400 बिस्तर हैं और प्रत्येक दिन रिकार्ड 10,000 नए मरीज अपना इलाज कराने आते हैं।