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टेरर फंडिंग पर कसा शिकंजा, NIA ने मारे ताबड़तोड़ छापे

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टेरर फंडिंग के जरिए अलगाववादी नेता घाटी में फैलाते हैं अशांति

नई दिल्ली/श्रीनगर। नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने टेरर फंडिंग पर शिकंजा कस दिया है। शनिवार को NIA ने दिल्ली और श्रीनगर में ताबड़तोड़ छापे मारे हैं। बताया जा रहा है कि कश्मीर में 14 और दिल्ली में 8 जगहों पर छापे मारे गए हैं।

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सूत्रों के मुताबिक राजधानी और कश्मीर में बैठे हवाला ऑपरेटर्स, अलगाववादी नेताओं के घर, दफ्तर और कमर्शल लोकेशनों पर अभी छापेमारी जारी है। घाटी में अशांति फैलाने के लिए सीमा पार से मिल रही आर्थिक मदद के आरोपों के बाद केंद्र ने इसके खिलाफ सख्त रुख अपना लिया है।

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NIA ने 29 मई को तहरीक-ए-हुर्रियत के तीन अलगाववादी नेताओं फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, नईम खान और जावेद अहमद बाबा उर्फ गाजी से पूछताछ की थी। इन नेताओं से टेरर फंडिंग और जम्मू-कश्मीर में विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के मामले में पूछताछ की गई थी।

NIA की यह पूछताछ 26/11 मुंबई हमले मामले में हालिया डिवेलपमेंट के आलोक में की जा रही है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में लश्कर-ए-तैयबा चीफ हाफिज सईद के अलावा कट्टर अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी और जम्मू ऐंड नैशनल फ्रंट चेयरमैन नईम खान के खिलाफ भी केस दर्ज कर प्राथमिक जांच शुरू की है।

अलगाववादी नेताओं पर लश्कर चीफ और आतंकी हाफिज सईद से पैसे लेने के आरोप लगे हैं। अलगाववादी नेताओं पर यह केस एक स्टिंग ऑपरेशन सामने आने के बाद किया गया है।

इस स्टिंग ऑपरेशन में अलगाववादी नेता नईम खान कथित तौर पर हवाला के माध्यम से पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से पैसे लेने की बात कबूल करते दिख रहे हैं। इस स्टिंग के बाद गिलानी के नेतृत्व वाली हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से नईम खान को निष्कासित कर दिया गया है।

घाटी में टेरर फंडिंग

NIA के मुताबिक पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के लिए फंड जुटा रहे हैं। यह टेरर फंडिंग आतंकी संगठनों के चैरिटी ऑर्गनाइजेशनों की मदद से की जा रही है। आतंकी संगठन जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तैयबा के चैरिटी फाउंडेशन फलाह-ए-इंसानियत (FIF) और जैश समर्थित अल रहमत ट्रस्ट की मदद से इस टेरर फंडिंग को अंजाम दिया जा रहा है।

ये संगठन पाकिस्तान में लोगों से चैरिटी के नाम पर पैसे लेते हैं जिसका इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में आतंक के प्रसार के लिए किया जाता है। अल रहमत ट्रस्ट पर्चे छपवाकर ईद के मौके पर कुर्बानी के लिए लोगों से डोनेशन लेता है, लेकिन इस पैसे का इस्तेमाल भी टेरर फंडिंग के लिए होता है। वहीं FIF पाकिस्तान में सबसे तेजी से बढ़ता एनजीओ है।

जांच एजेंसियों का कहना है कि सोशल सर्विस के नाम पर यह संगठन पाकिस्तान से लाखों डॉलर इकट्ठा करता है। फिर इस पैसे का इस्तेमाल कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए होने लगता है। खुफिया विभाग की 2012 की एक रिपोर्ट के मुताबिक कश्मीर में आतंकवाद को फंड करने के लिए 78 करोड़ रुपये इकट्ठे किए थे।

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