Regional

त्रिपुरा में वाम मोर्चा विरोधियों को एकजुट करेगी भाजपा : हिमांता

त्रिपुरा में अगले वर्ष फरवरी में होने वाले हैं विस चुनाव, त्रिपुरा में वाम मोर्चा विरोधियों को एकजुट करेगी भाजपा, असम में भाजपा सरकार में मंत्री हिमांता बिस्वा शर्माHimanta Biswa Sarma

त्रिपुरा में अगले वर्ष फरवरी में होने वाले हैं विस चुनाव

अगरतला| असम में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार में मंत्री हिमांता बिस्वा शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि त्रिपुरा में अगले वर्ष फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी गठबंधन को सत्ता से बाहर करने और वाम मोर्चा विरोधी मतों को एकजुट करने के लिए भाजपा एक बड़ा महागठबंधन बनाने की कोशिश करेगी।

त्रिपुरा में अगले वर्ष फरवरी में होने वाले हैं विस चुनाव, त्रिपुरा में वाम मोर्चा विरोधियों को एकजुट करेगी भाजपा, असम में भाजपा सरकार में मंत्री हिमांता बिस्वा शर्मा
Himanta Biswa Sarma

यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा, “भारतीय जनता पार्टी को अभी अपने चुनावी सहयोगियों पर निर्णय लेना है। हम अभी वाम दल विरोधी मतों को एकजुट करने और हमारी पार्टी संगठन के आधार को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं।”

यह भी पढ़ें- ललितपुर जिले में शौचालय बिना शस्त्र लाइसेंस नहीं

उन्होंने कहा, “जो कोई भी तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के विधायक भाजपा में शामिल होने की सोच रहे हैं, उन्हें सबसे पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के पक्ष में 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए।

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को छोड़कर, हम अन्य सभी पार्टियों के विधायकों से कोविंद को अपना मत देने का अनुरोध करते हैं।” गौरतलब है कि त्रिपुरा में लंबे समय से माकपा के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे का शासन है।

असम सरकार में वित्त, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, शिक्षा, पर्यटन और गुवाहाटी विकास विभाग संभालने वाले शर्मा ने त्रिपुरा राज्य में अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान कई जनसभाओं और संगठन की बैठकों को संबोधित किया।

इस तरह की अटकलें हैं कि तृणमूल कांग्रेस के छह और कांग्रेस के तीन में से एक विधायक भाजपा में शामिल हो सकते हैं। शर्मा ने इस तरह की अटकलों पर कहा, “कुछ को छोड़कर, हमारे द्वार सभी के लिए खुले हैं।”

उन्होंने कहा, “वाम मोर्चे के 24 साल के शासन के दौरान त्रिपुरा में कोई विकास नहीं हुआ है। बेरोजगारी बहुत बढ़ी है, महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध बढ़ रहे हैं और गरीब और पिछड़े तबके के लोग अपने अधिकारों से वंचित हैं।”

=>
=>
loading...