स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस के छह सांसदों का किया निलंबन
नई दिल्ली| लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा सोमवार को कांग्रेस के छह सांसदों को निलंबित करने के बाद विपक्षी दल के सदस्यों के भारी हो-हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
सांसदों ने कागज फाड़कर लोकसभा अध्यक्ष के आसन की ओर फेंका, जिसके बाद महाजन ने उन सभी छह सांसदों को पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया।
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अपराह्न 2.30 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, विपक्षी दलों के सदस्य अध्यक्ष के आसन की ओर बढ़े और उनके फैसले का विरोध करने लगे।
अध्यक्ष के आसन पर बैठे उपाध्यक्ष एम. थंबीदुरई ने निलंबित सांसदों से कार्यवाही छोड़ने के लिए कहा, लेकिन विपक्षी दल के सदस्य लगातार विरोध करते रहे। भारी शोर-खराबे के बीच उन्होंने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित होने के बाद विपक्षी दल के सदस्य कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के इर्द-गिर्द इकट्ठा हो गए और सदन के अंदर ही चर्चा करने लगे, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा की महिला सदस्य अध्यक्ष के चेंबर की ओर लपकीं।
जिन छह सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें गौरव गोगोई, अधीर रंजन चौधरी, रजीत रंजन, सुष्मिता देव, एम.के. राघवन और के. सुरेश हैं। वे इस पूरे सप्ताह लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
शून्यकाल में कांग्रेस सांसद गौरक्षकों द्वारा मुस्लिमों और दलितों पर किए जा रहे हमलों पर चर्चा की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इसी बीच छह सांसदों ने कागज फाड़कर उन्हें हवा में उछाल दिया और अध्यक्ष के आसन की तरफ फेंक दिया।
महाजन ने कहा, “यह आचरण सही नहीं है। यह बेहद अशोभनीय और सदन के नियमों के खिलाफ है। यह सदन की गरिमा को कमजोर करने की कोशिश है।”
उन्होंने कहा कि सदस्य सदन में ‘जानबूझकर बाधा’ डाल रहे थे और उन्होंने अव्यवस्था उत्पन्न की। उन्होंने उनके निलंबन की घोषणा नियम 374ए के तहत लगातार पांच बैठकों के लिए की।
महाजन ने जब गो-रक्षकों के मुद्दे पर चर्चा कराने से इनकार कर दिया तो कांग्रेस सदस्य पूरे शून्यकाल के दौरान अध्यक्ष के आसन के नजदीक बैठे रहे।
विपक्षी दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने जैसे ही शून्यकाल में बोलना शुरू किया, विपक्षी दल के सदस्य अध्यक्ष के आसन की ओर बढ़े, सरकार विरोधी नारे लगाए और कागज के टुकड़े कर आसन की ओर फेंके, जिससे अध्यक्ष नाराज हो गईं।
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कागज फेंकने वाले सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, “कांग्रेस से इस तरह के बर्ताव की उम्मीद नहीं थी। यह शर्मनाक है। कागज फेंकने वालों के खिलाफ कार्रवाई जरूर होनी चाहिए। सदस्यों का नाम भी उजागर होना चाहिए।”