लखनऊ। शिक्षा के क्षेत्र में अल्पसंख्यकों के विकास के लिए समर्पित एनजीओ ‘सहायता ट्रस्ट’ ने अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को बी.टेक. कराने का ज़िम्मा उठाया है। संस्था ने छात्रों के शिक्षण शुल्क चुकाने की योजना शुरू की है। संस्था इस योजना को कई शासकीय छात्रवृत्ति योजनाओं और बाराबंकी के ‘जहांगीराबाद इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी’ (जेआईटी) के सहयोग से लागू करेगी।संस्था के सीईओ सैय्यद अनीसुद्दीन के अनुसार, “हमारा लक्ष्य अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा देना है। हमने उत्तर भारत के इंजीनियरिंग कॉलेजों के सर्वेक्षण के आधार पर जहांगीराबाद इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी को चुना है। यह कॉलेज लखनऊ से केवल 45 मिनट की दूरी पर स्थित है। संस्थान का शैक्षणिक स्टाफ अनुभवी है, इसकी आधारभूत संरचना मज़बूत है, वातावरण अच्छा है, प्रयोगशालाएं सुसज्जित हैं। हॉस्टल की उत्तम व्यवस्था है।”
अल्पसंख्यक समुदाय और आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग की 100 लड़कियों और 50 लड़कों की इस योजना के जरिए मदद की जाएगी। लाभार्थियों का चुनाव एक ऑनलाइन टेस्ट के जरिये किया जायेगा। इस टेस्ट में 50 बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे। ऑनलाइन टेस्ट घर से बैठकर दिया जा सकता है। जो छात्र यह टेस्ट देना चाहते हैं, वे www.jit.edu.in पर जाकर, ‘सहायता स्कालरशिप ऑनलाइन टेस्ट’ पर क्लिक कर, अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।
पंजीकरण 20 जुलाई से 20 अगस्त के बीच किसी भी समय ऑनलाइन कराया जा सकता है। टेस्ट गणित, भौतिकी और रसायनशास्त्र के इंटरमीडिएट स्तर के पाठ्यक्रम पर आधारित होगा। अधिक जानकारी के लिए, उम्मीदवार मोबाइल नंबर +91 8712900055 पर फ़ोन कर सकते हैं। साथ ही sahayatatest@gmail.com पर मेल भी कर सकते हैं।
अनीसुद्दीन ने बताया कि सहायता ट्रस्ट 12वीं कक्षा में 85% लाने वाले लड़कों और 65% या अधिक अंक लाने वाली लड़कियों की आर्थिक सहायता करेगा। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व प्रति कुलपति ब्रिगेडियर सैयद अहमद अली ने बताया कि उच्च शिक्षा में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की भागीदारी बहुत कम है। इसकी वजह उनकी कमज़ोर आर्थिक दशा और अच्छे कालेज की कमी है। पिछले कई सालों से जेआईटी इस गैप को पूरा कर रहा है।
जेआईटी निदेशक डॉ. (प्रो.) ख्वाजा एम रफ़ी ने सहायता ट्रस्ट के साथ इस समझौते पर सहमति जताई। इस मौके पर जहांगीराबाद मीडिया संस्थान के निदेशक डॉ मो ज़ुबैर खाँ, सहायक निदेशक सर्वेश कुमार मौजूद थे।