नई दिल्ली। तीन तलाक के नाम पर किसी भी महिला के साथ कुछ गलत न हो और उसे शोषण से बचाने के लिए अब बच्चों को भी इसके बारे में बचाया जाएगा। तीन तलाक की सही-सही जानकारी देने के लिए अब मदरसों में बच्चों को पढ़ाया जाएगा। मदरसे के शिक्षक बच्चों को विस्तार से इस संबंध में जानकारी देंगे।
इतना ही नहीं, बच्चों को उस बारे में बी बताया जाएगा जहां महिलाओं को तुरंत का तुरंत मौकते पर ही तलाक बोलकर अएलग कर दिया जाता है। उन्हें बताया जाएगा कि ये किस तरह से गलत है। वहीं साथ में ये भी बताया जाएगा कि तीन तलाक देने का सही तरीका क्या है। महिला गर्भवती हो या माहवारी (हैज) आ रही हो तो उसे तीन तलाक नहीं दिया जा सकता है।
जुमा की नमाज के दौरान भी तकरीर (भाषण) में तीन तलाक के बारे में लोगों को जागरुक किया जाएगा। नायाब काजी मौलाना उजैर आलम का कहना है कि तीन तलाक के बारे में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी आने के बाद ये तैयारी कर रहे हैं।
तीन तलाक के बारे में एक सिलेबस तैयार किया जाए। इस सिलेबस को मदरसे के कोर्स में शामिल किया जाएगा। जहां कोर्स में शामिल होने के बाद बच्चे तीन तलाक के बारे में सही-सही जानकारी को पढ़ और समझ सकेंगे।