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बॉलीवुड ने हमेशा प्रयोगात्मक विषयों को प्रोत्साहित किया : आर. ए. प्रसन्ना

मुंबई, 30 अगस्त (आईएएनएस)| फिल्म ‘शुभ मंगल सावधान’ से बॉलीवुड में बतौर निर्देशक आगाज कर रहे आर. एस. प्रसन्ना का कहना है कि हिंदी फिल्म उद्योग अनूठे विषयों पर फिल्म बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है और नए दौर के दर्शकों का शुक्रिया कि उनके समर्थन से ऐसी फिल्में बदलाव ला रही हैं। ‘शुभ मंगल सावधान’ की कहानी पुरुषों की यौन समस्या इरेक्टाइल डिसफंक्शन के बारे में हैं। यह फिल्म तमिल फिल्म ‘कल्याण समयाल साधम’ की रीमेक है, जिसे प्रसन्ना ने ही निर्देशित किया था।

फिल्मकार ने यह पूछे जाने पर कि क्या इस फिल्म से बॉलीवुड में शुरुआत करना सुरक्षित विकल्प है, उन्होंने आईएएनएस से कहा, मुझे लगता है कि बॉलीवुड ने हमेशा प्रयोगात्मक विषयों को प्रोत्साहित किया है, इसलिए ‘विक्की डोनर’, ‘दम लगाके हईशा’ और ‘हिंदी मीडियम’ जैसी फिल्में बनी हैं और बॉलीवुड की मुख्यधारा की फिल्मों में स्वीकार की गईं हैं।

उन्होंने कहा, यहां तक कि जब मैं तमिल में फिल्म बना रहा था..मैं जानता था कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन विषय में एक सार्वभौमिक अपील है, इसलिए जब तमिल सिनेमा के रूढ़िवादी माहौल में मल्टीप्लेक्स के दर्शकों ने इसे सकारात्मक प्रतिक्रिया दी तो मुझे अहसास हुआ कि कहानी ने सही तरीके से दर्शकों को छुआ है। इससे मुझमें आत्मविश्वास बढ़ा।

फिल्म ‘शुभ मंगल सावधान’ की कहानी गुरुग्राम की पृष्ठभूमि पर आधारित है, जबकि तमिल संस्करण की कहानी दक्षिण भारतीय पृष्ठभूमि पर आधारित थी। फिल्मकार के मुताबिक, एक अलग शहर और संस्कृति वाले शहर की पृष्ठभूमि पर फिल्म बनाना दिलचस्प अनुभव रहा।

उन्होंने कहा कि दक्षिण से उत्तर भारत की पृष्ठभूमि पर फिल्म बनाना उनके लिए चुनौतीपूर्ण नहीं था क्योंकि वह जानते थे कि उन्हें क्या कहानी दिखानी है। उन्होंने फिल्म में निर्माता आनंद एल राय और लेखक हितेश केवल्या के साथ काम किया है जो देश के इन्हीं हिस्सों से आते हैं।

आयुष्मान खुराना और भूमि पेडनेकर अभिनीत फिल्म ‘शुभ मंगल सावधान’ शुक्रवार को रिलीज हो रही है।

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