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13 साल की बच्ची प्रेग्नेंट, गर्भपात पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 13 वर्षीया रेप पीड़िता के 30 सप्ताह के गर्भ को हटाने की अर्जी पर मेडिकल बोर्ड को सोमवार तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। मुंबई में हुई भारी बारिश के चलते मेडिकल बोर्ड बच्ची का मेडिकल परीक्षण नहीं कर पाया, जिसके बाद कोर्ट ने सोमवार तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। अब कोर्ट इस मामले पर 5 सितम्बर को सुनवाई करेगा। लड़की की मां ने गर्भपात की अनुमति देने के लिए याचिका दायर की थी।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 28 जुलाई को ही एक 10 वर्षीय गर्भवती नाबालिग को 32 सप्ताह के गर्भ को समाप्त करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद उसने एक बच्चे को जन्म दिया।दरअसल, जब बच्ची के प्रेग्नेंट होने का खुलासा हुआ तो काफी देर हो चुकी थी। गर्भ 32 हफ्ते का हो चुका था। पीड़िता के माता-पिता बेटी का अबॉर्शन करवाना चाहते थे, लेकिन कानून के मुताबिक़ ऐसा संभव नहीं था। पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट का भी रुख किया लेकिन कोर्ट ने भी बच्ची के अबॉर्शन की इजाजत नहीं दी। कोर्ट का कहना था ऐसा करने से बच्ची के जीवन को ख़तरा हो सकता है, जिसके बाद अब बच्ची ने एक स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया।

चंडीगढ़ के सेक्टर 32 स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल और पीजीआई के डॉक्टरों के एक पैनल के निर्णय के बाद बच्ची की डिलिवरी करवाई गई।
इस मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। बच्ची को खुद उसका मामा ही अपनी हवस का शिकार बनाता रहा। बच्ची के पिता एक सरकारी कर्मचारी है जबकि उसकी मां घरेलू कामकाज करती हैं। 10 वर्षीय बच्चे के गर्भवती होने पर खुद डॉक्टर हैरान रह गए थे। बच्ची का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा था कि उन्होंने इससे पहले कभी ऐसा मामला नहीं देखा, जिसमें इतनी कम उम्र में कोई बच्ची गर्भवती हुई हो।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH