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अवैध वसूली से फैली जेलों मे अराजकता

अवैध वसूली से जेलों मे अराजकता की स्थिति, नैनी जेल मे डिप्टी जेलर की पिटाई

 

घूसखोर अफसरों का नही होता है इकबाल बुलन्द

नैनी जेल मे डिप्टी जेलर की पिटाई का मामला

राकेश यादव

लखनऊ। एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी…यह कहावत कारागार विभाग के अधिकरियों पर एकदम फिट बैठ रही है। विभाग के अधिकारी बंदियों से मोटी रकम लेकर अवैध सुविधायें मुहैया कराते है। समय आने पर रकम देकर ली गई सुविधाओं को रोकने का नाटक करते है। इस सच का खुलासा नैनी जेल मे बंदियों के डिप्टी जेलर पर हुए हमले की घटना से हुआ। सुविधा शुल्क लेकर बंदी को मोबाइल फोन चलाने की छूट देने वाले अधिकारी ने जब इस पर अंकुश लगाने का प्रयास किया तो बंदियों ने अधिकारी की पिटाई कर दी। जेल के अन्दर पिटाई की यह घटना पहली नही है। इससे पहले भी कई अधिकारियों पर हमला किया जा चुका है। हकीकत यह है कि तैनाती को लेकर की जा रही अवैध वसूली से जेलों मे अराजकता की स्थिति बन गई है।

पिछले दिनों इलाहाबाद की नैनी जेल मे सर्किल प्रभारी डिप्टी जेलर बंदियों की तलाशी करा रहे थे। इस तलाशी अभियान के दौरान प्रभारी डिप्टी जेलर को एक बैरक मे बंदी के पास मोबाइल फोन बरामद हुआ। सूत्र बताते है कि बंदी के पास मोबाइल फोन मिलने से प्रभारी डिप्टी जेलर आग बबूला हो गये। प्रभारी अधिकारी ने जब बंदी से मोबाइल फोन के बारे मे पड़ताल की तो जो खुलासा हुआ उससे वहा सुरक्षाकर्मियों और अधिकारियों के होश ही उड़ गये। बताया गया है कि जिस बंदी के पास मोबाइल फोन बरामद हुआ उसका आरोप है कि जेल के अधिकारी एवं सुरक्षाकर्मी मोबाइल चलाने के एवज मे रकम लेते है। रकम लेने के बाद वो इस पर अंकुश लगाने के लिये दबाव बनाते है। मोबाइल फोन चलाते पकड़े गये बंदी का आरोप है कि जेल प्रशासन के अधिकारी हाता, बैठकी, मुलाकात एवं प्रतिबंधित वस्तुओं को जेल के अन्दर लाने के लिये मनमाफिक रकम वसूल करते है। रकम लेने के बाद दी गई अनाधिकृत सुविधाओं पर अंकुश लगाने का प्रयास करते है।

सूत्रों का कहना है कि इसी बात को लेकर पहले दोनो पक्षों मे कहासुनी हुई और देखते ही देखते यह कहासुनी मारपीट मे तब्दील हो गई। दोहरी मार झेल रहे उग्र बंदियों ने प्रभारी डिप्टी जेलर की जमकर धुनाई कर दी। चोटिल डिप्टी जेलर को इलाज के लिये जेल प्रशासन को जेल अस्पताल मे भर्ती कराना पड़ा। जेल के अन्दर जेल अधिकारी की पिटाई से जेल प्रशासन के अधिकारियों मे हडकम्प मचा हुआ है। चर्चा है कि ऐसी घटनाओं से अधिकारियों का मनोबल गिर रहा है। शासन तैनाती को लेकर शासन स्तर पर होने वाली धन उगाही मे जेल अफसरों को उगाही के लिये विवश कर दिया है। इससे जेलों की सुरक्षा व्यवस्था अस्त व्यस्त हो गई है। नैनी से पहले प्रतापगढ़ जेल मे बंदियों का बयान लेने गये एक एसटीएफ के अधिकारी को भी बंदियों ने पीट दिया था। इसी प्रकार गाजीपुर मे बंदियों ने एक डिप्टी जेलर पर भी हमला बोल दिया। आये दिन हो रही मारपीट की घटनाओं ने जेल प्रशासन के उच्चाधिकारियों की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया है।

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