जयपुर। नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में जोधपुर जेल में बंद आसाराम गुरुवार को मीडिया से बातचीत में अपना आपा खो बैठे। जोधपुर के एससी-एसटी कोर्ट में सुनवाई के दौरान जब आसाराम को कोर्ट में पेश किया गया तो मीडिया ने उनसे पूछा कि आप संत हो या कथावाचक की श्रेणी में आते हो।
दरअसल आसाराम को साधु-संतों की शीर्ष संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने फर्जी संत घोषित कर दिया है। जब मीडियाकर्मियों ने इससे संबंधित सवाल आसाराम से पूछे तो उन्होंने कहा कि वह गधे की श्रेणी में आते हैं। अदालत में घुसने से पहले उन्होंने कहा कि न मैं संत हूं और न ही कथावाचक, मैं तो गधा हूं।
आसाराम ने यह भी कहा कि न्यूरो की तकलीफ के कारण भयंकर दर्द हो रहा था। इस कारण मैं चुप रहा और कहते हैं कि मैंने बहाना बनाया। आज ठीक है तो बोल रहा हूं। बोलूं तो मरूं और न बोलूं तो मरूं। हालांकि जब पत्रकारों ने दोबारा उनसे सवाल किया कि आप खुद को गधा क्यों कह रहे हैं, तो इस पर वह बिना कुछ बोले गुस्से में चले गए।
लगातार बचाव पक्ष के गवाहों के नहीं आने से और अखाड़ा परिषद द्वारा फर्जी बाबाओं की लिस्ट में आसाराम को बताए जाने पर वह पिछले दिनों चुप्पी साधे रहा लेकिन गुरुवार को वह सब्र खो बैठा। बुधवार को भी आसाराम को नियत समय पर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया था।