Uttar Pradesh

दो वक्त की रोटी के लिए बूढी मां ने बेटों पर किया मुकदमा

जौनपुर। मां-बाप अपने बच्चों को पाल पोसकर इसलिए बड़ा करते हैं ताकि उनका बच्चा बुढ़ापे में उनकी लाठी बन सके, लेकिन आजकल मां-बाप का सहारा बनना तो दूर बच्चे उन्हें दो वक्त की रोटी के लिए भी तरसा रहे हैं। कुछ ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के जौनपुर से सामने आया है जहां एक मां ने दो वक्त की रोटी के लिए अपने तीन-तीन लखपति बेटों पर मुकदमा किया है।

मामला महाराजगंज थाना क्षेत्र के कोल्हुआ गांव का है, जहां की रहने वाली साठ वर्षीय सीता देवी के तीन बेटे हैं, जो प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते हैं। तीनों अलग-अलग रहते हैं और तीनों ने चार-चार महीने मां का भरण पोषण करने का वादा किया था, लेकिन बाद में किनारा कर लिया। दो वक्त का भोजन नहीं जुटा पा रही, वृद्धा की स्थिति देख ग्रामीण उनके भोजन का इंतजाम कर रहे हैं। अब अपने तीन लखपति बेटों से भरण पोषण की मांग करते हुए न्यायालय में मुकदमा दायर किया है।

परिवार न्यायालय के न्यायाधीश ज्ञान प्रकाश तिवारी ने तीनों बेटों के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए 24 अक्टूबर तिथि नियत की है। सीतादेवी ने बेटे अशोक, रामकुमार व विजय से 5,000 रुपये भरण पोषण की मांग करते हुए केस दायर किया। वृद्धा ने बताया, “उसके पति की मृत्यु 1990 में हो चुकी थी और प्रॉपर्टी पर लड़कों का नाम चढ़ गया। बेटों में तय हुआ कि बारी-बारी चार-चार महीने मां का भरण पोषण करेंगे, लेकिन बाद में तीनों बेटों ने किनारा कर लिया।” गांव वालों ने उसकी लाचारी पर तरस खाकर उसे खाना वगैरह दे देते हैं। वह भुखमरी की कगार पर है, जबकि तीनों बेटे बड़े कारोबारी हैं

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH